अपनी संस्कृति के प्रति प्यार, करता है बेहतर करने के लिए प्रेरित
नई दिल्ली. मैं नियति, 13 साल की हूं और संगीत मेरी जिंदगी का सबसे खूबसूरत हिस्सा है। की-बोर्ड, यूकुलेले, तबला, बांसुरी समेत 4२ वाद्य यंत्र बजा लेती हूं। मां बताती हैं कि जब मैं सिर्फ छह महीने की थी, तब मुझे एक टॉय की-बोर्ड मिला था। वो मेरा सबसे पसंदीदा खिलौना बन गया। फिर मैंने बाकी वाद्य यंत्रों में भी रुचि लेनी शुरू की। मेरे मामा ने मुझे वेस्टर्न म्यूजिक से जोड़ा। मुझे ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स बहुत पसंद हैं, जो दोनों हाथों से बजाए जाते हैं। इनसे मुझे ऊर्जा मिलती है।
आंखों पर पट्टी बांध कर बनाया रेकॉर्ड
मैंने कुछ रिकॉर्ड्स बनाए हैं। अप्रैल 2024 में मैंने 13.5 मिनट तक आंखों पर पट्टी बांधकर पियानो पर शिव तांडव स्रोत बजाया और गाया, जिससे एशिया बुक ऑफ रेकॉर्ड्स में मेरा नाम दर्ज हुआ। वर्ष 2023 में मैंने 15 वाद्य यंत्रों पर एक साथ सिर्फ 65 सेकंड में राष्ट्रगान बजाकर इंडिया बुक ऑफ रेकॉर्ड्स में अपनी जगह बनाई।

जीवन भर साथ देता है स्कूल का ज्ञान
मैं अभी नौवीं कक्षा में पढ़ती हूं। स्कूल के टीचर्स का बहुत सपोर्ट मिलता है। मेरा मानना है कि ग्लैमर की दुनिया कुछ समय के लिए है, लेकिन स्कूल का ज्ञान जिंदगी भर साथ रहता है। मैं अपनी पढ़ाई और संगीत पर फोकस करना चाहती हूं। अभी मैं ट्रिनिटी कॉलेज ऑफ लंदन से पियानो में ग्रेजुएशन कर रही हूं और गंधर्व महाविद्यालय से तबला सीख रही हूं। अपने गाने खुद लिखती हूं, म्यूजिक एडिटिंग करती हूं। वहीं उनकी मां दिव्या सक्सेना कहती हैं कि नियति की प्रतिभा देखकर मैंने उसे वही करने दिया जो वह करना चाहती है।
संस्कृत में पीएचडी.. मुझे म्यूजिशियन बनना है और संस्कृत में पीएचडी भी करनी है। मेरा शोध होगा सामवेद से संगीत में आए बदलावों पर।