पाकिस्तान के खिलाफ अब भारत की कूटनीतिक स्ट्राइक, चेहरा होगा बेनकाब

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत अब पाकिस्तान पर कूटनीतिक स्ट्राइक की तैयारी कर रहा है। भारत के सांसद और अन्य नेता दुनियाभर में आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को बेनकाब करेंगे। इसके लिए सरकार 22 मई से 5-6 सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को अलग-अलग देशों की यात्रा पर भेजने की तैयारी कर रही है। हर प्रतिनिधिमंडल में 5-6 सांसद शामिल होंगे। ये सभी 30 मई तक दुनिया के नेताओं और थिंक टैंक से संपर्क कर आतंकवाद पर भारत का पक्ष बताएंगे। इसके साथ ही पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर की जरूरत, पाकिस्तान का आतंकियों को समर्थन और मौजूद ट्रेनिंग सेंटरों के बारे में प्रामाणिक जानकारी देंगे।

शशि थरूर को मिल सकती है जिम्मेदारी

ये प्रतिनिधि सबसे पहले अमरीका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, कतर, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और यूएई जाएंगे। इसे लेकर सरकार ने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से बात की है। कुछ दलों ने सांसदों को भेजने की मंजूरी भी दे दी है। पाकिस्तान पहलगाम हमले के बाद भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान लगातार झूठ बोलता रहा है। वह दुनिया को तथ्यों से अलग जाकर एक नैरेटिव सेट करने के लिए मनगढ़ंत कहानी बताता रहा। ऐसे में भारत पाकिस्तान की इस कोशिश को बेनकाब करना चाहता है। प्रतिनिधिमंडल में भाजपा, कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, एनसीपी (एसपी), जेडीयू, बीजेडी, सीपीआइ (एम) और कुछ अन्य सांसद शामिल होंगे। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने बताया कि संसदीय कार्यमंत्री किरन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष से कांग्रेस अध्यक्ष से इस मुद्दे पर चर्चा की है। कांग्रेस इस डेलिगेशन का हिस्सा होगी, क्योंकि वह भाजपा की तरह राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों का राजनीति नहीं करती।

ये हो सकते हैं शामिल

प्रतिनिधिमंडल में भाजपा से पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, सांसद अपराजिता सारंगी, कांग्रेस से सांसद शशि थरूर, मनीष तिवारी, सलमान खुर्शीद और अमर सिंह हो सकते हैं। वहीं तृणमूल कांग्रेस से सुदीप बंदोपाध्याय, जेडीयू से संजय झा, बीजेडी से सस्मित पात्रा, एनसीपी (एसपी) से सुप्रिया सुले, डीएमके से कनिमोझी, शिवसेना (उद्धव) से प्रियंका चतुर्वेदी, सीपीआइ (एम) से जॉन ब्रिटास और एआइएमआइएम के असदुद्दीन ओवैसी भी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हो सकते हैं। इस दल में गुलाम नबी आजाद के भी शामिल होने की संभावना है।

सूत्रों ने बताया कि विदेश मामलों पर संसदीय पैनल के प्रमुख शशि थरूर को अमरीका जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसके लिए सरकार ने थरूर से संपर्क किया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार को कांग्रेस पार्टी से संपर्क कर सलाह लेनी होगी।

1994: वाजपेयी ने रखा था भारत का पक्ष

1994 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंह राव ने कश्मीर के मुद्दे पर भारत का पक्ष रखने के लिए विपक्ष के नेता अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल को जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग भेजा था। प्रतिनिधिमंडल में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और सलमान खुर्शीद भी शामिल थे।

2008: पाकिस्तान की खोली थी परतें

2008 में मुंबई हमलों के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी आतंकवादी हमलों में पाकिस्तानी लिंक होने से जुड़े दस्तावेजों के साथ विभिन्न दलों के प्रतिनिधिमंडल को विदेश भेजने का फैसला किया था। इसके बाद पाकिस्तान पर लश्कर-ए-तैयबा और अन्य आतंकी समूहों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव पड़ा।

रक्षा बजट में 50 हजार करोड़ बढ़ाने का प्रस्ताव

ऑपरेशन सिंदूर के बाद केंद्र सरकार रक्षा बजट 50 हजार करोड़ रुपए बढ़ाने की तैयारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्रालय ने सरकार को फंड बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है, जिसे संसद के नवंबर-दिसंबर के दौरान शीतकालीन सत्र में मंजूरी मिल सकती है। इस फंड से नए हथियार, गोला-बारूद और तकनीक खरीदी जाएंगी। वहीं कुछ हिस्सा रिसर्च और डेवलमेंट पर भी खर्च किया जाएगा। इस बढ़ोतरी के बाद रक्षा मंत्रालय का बजट 7 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हो जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में सशस्त्र बलों के लिए रिकॉर्ड 6.81 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया था।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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