भिलाई शहर में कल होगी ‘मॉक ड्रिल’, बजेगा सायरन, गाइडलाइन जारी
पहलगाम आंतकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। इस बीच कल यानी 7 मई को छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर में मॉक ड्रिल किया जाएगा…

पहलगाम आतंकी हमले के गुनहगारों को सबक सिखाने वाली संभावित कार्रवाई और उसके बाद की स्थिति से निपटने के लिए तैयारी तेज हो गई है। गृह मंत्रालय ने राज्यों को 7 मई को व्यापक नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए हैं, ताकि विदेशी हमले की स्थिति में आपातकालीन तैयारी को परखा और सुदृढ़ किया जा सके। यह अभ्यास देशभर में चिह्नित 244 ‘नागरिक सुरक्षा जिलों’ में आयोजित होंगे। सूची में छत्तीसगढ़ को भी शामिल किया गया है।
मॉक ड्रिल को लेकर पूरी रूपरेखा तैयार
प्रदेश के सिर्फ एक शहर भिलाई में सायरन बजेगा और आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए ‘मॉक ड्रिल’ किया जाएगा। इस मॉक ड्रिल को लेकर मंगलवार को सचिवालय में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक मीटिंग भी हुई। जिसमें मॉक ड्रिल को लेकर पूरी रूपरेखा तैयार की गई। वहीं सभी कलेक्टर और एसपी को जानकारी शेयर की जाएगी।

उप मुख्यमंत्री साव ने कहा- भारत सरकार ने कड़े निर्णय लिए हैं..
छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने मॉक ड्रिल के संबंध में बयान जारी करते हुए कहा कि पहलगाम घटना के बाद भारत सरकार ने कड़े निर्णय लिए हैं। केंद्र सरकार सभी संभावित खतरों को ध्यान में रखकर आवश्यक तैयारियां कर रही है। साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार केंद्र के निर्देशों का पूरी तरह पालन करेगी और मॉक ड्रिल के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
ये 10 तरह के अभ्यास
हवाई हमले की चेतावनी सायरनों का संचालन किया जाएगा।
विद्यार्थियों को नागरिक सुरक्षा उपायों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
तत्काल ब्लैकआउट का अभ्यास।
महत्त्वपूर्ण ढांचों को छिपाना।
निकासी योजना का पूर्वाभ्यास।
वायु सेना के साथ हॉटलाइन/ रेडियो संचार लिंक का संचालन।
वार्डन-अग्निशमन सहित नागरिक सुरक्षा सेवाओं की सक्रियता जांचना।
नियंत्रण-छाया नियंत्रण कक्षों की कार्यक्षमता का परीक्षण करना।
बंकरों-खाइयों की सफाई करना।
नागरिक सुरक्षा योजनाओं को अपडेट करना एवं उनका पूर्वाभ्यास
देश में पिछली बार ऐसी मॉक ड्रिल 1971 में हुई थी। तब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था। यह मॉक ड्रिल युद्ध के दौरान हुई थी। हालांकि रविवार-सोमवार रात पंजाब के फिरोजपुर छावनी में ब्लैकआउट प्रैक्टिस की गई। इस दौरान गांवों और मोहल्लों में रात 9 बजे से 9:30 बजे तक बिजली बंद रही।