स्वर्ण पदक विजेता राही सरनोबत की ये कहानी भर देगी हौसला, बोली- बीमारी ने तोड़ दिया था सपना, फिर..

नई दिल्ली. राही सरनोबत, दो बार की ओलंपियन पिस्टल शूटर और राष्ट्रमंडल व एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता हैं। लेकिन दो साल पहले उन्हें एक ऐसी बीमारी ने जकड़ा कि वे हिम्मत हार गई थीं और उन्होंने खेलों में वापसी की उम्मीद छोड़ दी थी। राही ने एक पोडकास्ट में बताया, मैं इस कदर टूट चुकी थी कि मैंने निशानेबाजी के बारे में सोचना तक छोड़ दिया था। मैं बस सामान्य जीवन जीना चाहती थी, जिसमें मैं अपने हिसाब से सो सकूं और बैठ सकूं। लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था, इसलिए न केवल मेरी रिकवरी हुई बल्कि मैं फिर से टारगेट के सामने खड़ी होकर शूट कर सकी।

बिस्तर पर लेट तक नहीं पाती थी

34 वर्षीय राही ने इस साल देहरादून में संपन्न हुए राष्ट्रीय खेलों से वापसी की और महाराष्ट्र के लिए 25 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण पदक जीता था। राही ने बताया यह 2022 की बात है, जब मैं नेशनल कैंप में जाने के लिए पैकिंग कर रही थी। अचानक मेरे पूरे शरीर में सनसनी महसूस होने लगी और नसों में दर्द होने लगा। कई सप्ताह तक आराम करने के बाद भी निदान नहीं हुआ। मैं बिस्तर पर लेट तक नहीं पाती थी, मुझे बैठे-बैठे ही सोना पड़ता था।

राही ने बताया कि हमें पता ही नहीं था कि किस डॉक्टर से संपर्क किया जाना चाहिए। हमने ईसीजी, कार्डियो टेस्टिंग व रूटीन टेस्ट करवाए, लेकिन सबकी रिपोर्ट नॉर्मल थी। लेकिन मुझे राहत नहीं मिल रही थी। इसके बाद मेरी मेडिकल टीम ने मुझे न्यूरोलॉजिस्ट से परामर्श करने का सुझाव दिया। कई हफ्तों के टेस्ट के बाद में मुझे न्यूरोपैथिक दर्द का पता चला। उन्होंने बताया कि न्यूरोपैथिक सिंड्रोम के उपचार का कोई निश्चित पैटर्न नहीं है।

मैं अब और अधिक साहसी हो गई हूं: राही ने कहा, अब मेरा सारार ध्यान अपने खेल पर है। यह मेरा चुनौतीपूर्ण दौर था। लेकिन मैं अब और अधिक साहसी हो गई हूं क्योंकि मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं है। मेरी नजरें 2028 ओलंपिक पर टिकी हैं।

पहला व्यायाम था 20 मिनट तक बैठ कर टीवी देखना: राही ने बताया कि कुछ महीने के इलाज के बाद डॉक्टर ने मुझे बताया कि दर्द के बावजूद मुझे फिजियोथैरेपी करानी होगी। मेरा पहला व्यायाम 20 मिनट तक बैठकर टीवी देखना था। लेकिन थकान के कारण मैं असमर्थ थी।

राही सरनोबत, ओलंपियन और मौजूदा नेशनल चैंपियन

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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