बच्ची के बर्थडे के दिन मामा, नाना-नानी समेत 4 लोगों की दर्दनाक मौत, जानें पूरा मामला
मासूम बच्ची का बर्थडे मनाने मामा अपने भांजी को बाइक में बिठाकर अपने घर ले जा रहा था। बाइक में मासूम बच्ची की नाना व नानी भी सवार थे। बर्थडे की खुशियां पलक झपकते मातम में उस वक्त तब्दील हो गई जब एक तेज रतार ट्रक ने चारों को अपनी चपेट में ले लिया। तीन लोगों की स्पाट डेथ हो गई तो वहीं एक की हालत गंभीर होने से बिलासपुर रेफर किया थे, जहां इलाज के दौरान महिला ने भी दम तोड़ दिया। मामला मुलमुला थाना क्षेत्र के ग्राम आरसमेटा का है।
आक्रोशित लोगों ने किया चक्काजाम
घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने मौके पर 8 घंटे से चक्काजाम कर दिया। पीड़ितों की मांग थी कि मृतक के परिजनों को मुआवजे के रूप में 20-20 लाख रुपए नकद व नौकरी दी जाए। बीच में मध्यस्ता के लिए स्थानीय पुलिस, पामगढ़ विधायक व पीड़ित के परिजन मौके पर 8 घंटे से डटे रहे। देर रात बाद मामला सुलह हुआ। फिलहाल पुलिस दुर्घटनाकारित ट्रक चालक का सुराग लगा ली है। आरोपी ट्रक चालक के खिलाफ जुर्म दर्ज किया गया है।
एक बाइक में चार लोग थे सवार
पुलिस के अनुसार मुलमुला थाना क्षेत्र के परसदा निवासी चंद्रप्रकाश कश्यप पिता रामकुमार 18 की भांजी आशा (3 वर्ष) का 27 अप्रैल को बर्थडे था। बर्थडे के दिन चंद्रप्रकाश अपनी भांजी को लेकर कोनारगढ़ आया था। भांजी आशा के साथ में चंद्रप्रकाश की मां सतरूपा व पिता रामकुमार भी शामिल थे। एक ही बाइक में चार लोग सवार थे। वे दोपहर 12.30 बजे कोनारगढ़ से निकले थे और दोपहर एक बजे के करीब आरसमेटा के पास पहुंचे थे। तभी एक तेज रतार ट्रक ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी।
तीन की स्पॉट पर मौत, एक अस्पताल में तोड़ा दम
टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाइक में सवार चारों लोग दूर छिटक गए। किसी के सिर में गंभीर चोटें आई तो किसी के हाथ पांव ही कुचला गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने पास जाकर देखा तो चंद्रप्रकाश व उसके पिता रामकुमार व भांजी आशा की मौके पर ही मौत हो चुकी थी। वहीं आशा की नानी सतरूपा की सांसे चल रही थी। उसे तत्काल एंबुलेंस के माध्यम से बिलासपुर रेफर किया गया। बिलासपुर में इलाज के दौरान महिला की भी मौत हो गई। घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझाइश देना शुरू की लेकिन देर रात तक नतीजा नहीं निकला है।
मानवता हुई शर्मसार
घटना की जानकारी मिलते ही धीरे-धीरे पुलिस व लोगों की भीड़ जुटते गई। लेकिन यहां पर पुलिस के द्वारा मानवता को शर्मसार करने वाला वाकया सामने आया। दरअसल, सड़क दुर्घटना के बाद तीन शव सड़क किनारे पड़ा था। इसे एंबुलेंस में ले जाने के लिए पुलिस ने मानवता को दरकिनार कर दिया। पुलिस ने शव को उठाते वक्त घसीटते हुए ले गए और एंबुलेंस में भूंसे से भरे बोरियों की तरह वाहन में लोड कर दिया। जिसे देखकर मृतक के परिजन आक्रोशित हो गए और ऐसा न होते देख खुद वे शव को उठाने लगे। मानवता को शर्मसार करने वाला वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होते रहा। लोग तरह तरह के कमेंट्स करते नजर आए।
20-20 लाख रुपए नकद व नौकरी की मांग
घटना के बाद आशा के पिता कोनारगढ़ निवासी व सैकड़ों की तादात में लोग मौजूद हो गए। मृतक के परिजनों का आरोप था कि दुर्घटनाकारित ट्रक आशीष ट्रांसपोर्ट का था। जिसका संचालक बबलू खान है। जो अपनी गाड़ी न्यूवोको प्लांट में चलवाता था। इस वजह से ट्रांसपोर्ट कंपनी के द्वारा प्रत्येक मृतक के परिजनों को 20-20 लाख रुपए मुआवजा दी जाए। इसके अलावा मृतक के परिजनों को उनकी योग्यता के अनुसार ट्रांसपोर्ट कंपनी में नौकरी दी जाए। लेकिन रात 9.30 बजे तक मामले का पटोक्षेप नहीं हुआ है।