सरकारी मार्ट में खराब हुआ सामान, तो गांव की महिलाओं ने शुरू किया अपना मार्ट
हरिता ने गांव की हजार महिलाओं के लिए शुरू किया मार्ट
रायपुर। प्रदेश के महासमुंद जिले के सराईपाली ब्लाक से 10 किलोमीटर की दूरी वाले चकरदा गांव की 29 साल की हरिता पटेल ने एक हजार महिलाओं के साथ मिलकर सरायपाली में भारतीय नारी शक्ति मार्ट(आईडब्ल्यूपी मार्ट) की शुरुआत कर कई गावों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया। अब आलम यह हैं कि गांव की महिलाएं जो कभी स्कूल भी नहीं गई वो अब मार्केटिंग करती है और अपने नारी शक्ति मार्ट में खुद के बनाएं समानों को बेच रही है।
9 साल पहले मध्यान भोजन से अपना काम शुरू करने वाली हरिता को इस कार्य के लिए राज्य सरकार द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है। हरिता सरायपाली अंचल के अन्नपूर्णा स्वसहायता समूह द्वारा मिड-डे मिल का संचालन कर ही रही हैं साथ ही आईडब्ल्यूपी मार्ट भी चला रही है, जिसमें समूह की महिलाओं द्वारा बनाई गई खाद्य सामग्रियों के आलावा घरेलू उपयोग के लगभग सभी प्रकार के सामान मिल जाते हैं।
इस तरह हुई शुरुआत
भारतीय नारी शक्ति सहकारी समिति छत्तीसगढ़ की अध्यक्ष हरिता पटेल ने बताया कि साल 2020 में जनपद पंचायत सरायपाली के माध्यम से चकरदा में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की टीम पहुंची और समूह को बिहान योजना से जोड़ा गया एवं 20 समूह बनाकर महिलाओं को आगे आजीविका बढ़ाने के लिए प्रेरित किया गया। इस कार्य को करने के लिए हरिता को सक्रिय महिला का पद मिला। हरिता मां शाकंबरी रक्तदाता सेवा समिति भी चलाती है और प्रदेश के सभी जिलों में समिति के जरिए रक्त दान कराती है।
अपनेअभियान को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करती रही
विभिन्न सामग्रियों का होता है निर्माण
समूह द्वारा लगभग 15 प्रकार की बड़ी 10 प्रकार के अचार 10 प्रकार के पापड़ कई प्रकार के लड्डू साबुन हैंड वॉश, शैंपू आर्टिफिशियल ज्वेलरी मसाले अगरबत्ती धूप बत्ती बॉडी लोशन के साथ ही विभिन्न प्रकार की सामग्री का निर्माण किया जाता है। राज्य शासन द्वारा विभिन्न जिलों में लगाए जाने वाले मड़ई में समूह द्वारा बनाई चीजों का विक्रय किया जाता है। समूह ने अमृत महोत्सव कार्यक्रम के दौरान समूह द्वारा ६३ हजार के झंडे बेचे गए थे। इसके लिए उन्हें प्रदेश स्तर पर सम्मानित भी किया गया।
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