महुआ का लड्डू महिलाओं को स्वावलंबी और सेहतमंद बना रहा
नक्सल क्षेत्र में बस्तर फूड के जरिए स्वरोजगार दे रही है राजिया
महुआ लड्डू से हुई शुरुआत, अमरीका में भी प्रेजेंट कर चुकी हैं बिजनेस आइडिया
टी. हुसैन राजिमवाले
रायपुर। महुआ का नाम सुनते ही शराब पर ध्यान चला जाता है। लेकिन बस्तर में महुआ के लड्डू बनाए जा रहे हैं। जो न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं जबकि महिलाओं को स्वावलंबी बनाने में सहायक सिद्ध हो रहा है। राजिया शेख इस काम को बखूबी अंजाम दे रही हैं। वे बस्तर के प्रोडक्ट की ब्रांडिंग कर उसे अच्छे दामों में बेच रही हैं जिससे कि आदिवासी महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है।
राजिया ने बताया, रिसर्च के दौरान एक क्षेत्र में गईं थीं, जहां मैंने महिलाओं को महुआ के लड्डू बनाते देखा। उन महिलाओं से बातचीत करने के बाद मुझे यह एहसास हुआ कि इस काम को बड़े स्तर पर किया जा सकता है। लेकिन चुनौती भी थी। महुआ के लड्डुओं को स्वादिष्ट बनाना एक बड़ा चैलेंज था। ऐसे में कई रिसर्च के बाद हमने महुआ के लड्डू तैयार किए। अब चूंकि महुआ शराब की तरह लगता है, लिहाजा कोई खरीदना भी नहीं चाहता था। मैंने पांच रुपए से इसकी बिक्री शुरू की। और व्यापार ने गति पकड़ ली।
राजिया ने बताया, मैंने माइक्रो बायोलॉजी में मास्टर्स किया। पापा चाहते थे कि मैं टीचिंग ज्वाइन करूं लेकिन मैंने उन्हें कहा कि मैं बिजनेस करना चाहती हूं। पापा बोले कि बिजनेस सिंगल हैंड नहीं होता आपको गवर्नमेंट जॉब करनी चाहिए। लड़कियों के लिए यह ठीक भी है। उन्होंने सिविल एस्पिरेंट्स के लिए हैदराबाद भेजा। वहां जाने के बाद महसूस हुआ कि मैं इस चीज के लिए बना ही नहीं हूं। मुझसे नहीं हो पाएगा। मैं लौट आई और घर पर पढ़ाई करने लगी/
मैं रिसर्च कर रही थी। इस दौरान राम कृष्ण शारदा की ओर से चलने वाले प्रोजेक्ट टेक मदर हुड इनिशिएटिव से जुड़ने का मौका मिला। इसके जरिए हम आदिवासियों को स्वरोजगार, उनके अधिकारों को जानने और पंचायती राज व्यवस्था का अध्ययन किया। उनके कल्चर को जाना। तब सोचा कि फूड से रिलेटेड कोई काम करना चाहिए और महुआ के लड्डू की शुरुआत हुई।ऐसे पहुंची अमरीका
मेरे परिचित का एक मैसेज आया कि अमरीका में एक फेलोशिप है। तुम ट्राइबल के लिए काम करती हो। जो कि यूनिक है। तुम्हें इस प्रोजेक्ट के लिए अप्लाई करना चाहिए। उनके कहने पर मैंने फॉम भर दिया। वहां से कॉल आया कि आपका सब्जेक्ट तो काफी इंट्रेस्टिंग है। हमने सेलेक्ट कर लिया है। मैं अमरीका गई। दुनियाभर से लोग बिजनेस आइडिया लेकर आए थे। मुझे भी बस्तर फूड को रिप्रेजेंट करने का मौका मिला।
ऐसे होता है काम
मैंने बस्तर फूड्स के नाम से 2018 में शुरुआत की। हम पहले यह देखते हैं कि जंगल से आने वाली चीजों से क्या उत्पाद बन सकते हैं। स्वास्थ्य में क्या फ़ायदे हैं। इसे कैसे डिजाइन कर सकते हैं। इन सब चरणों के बाद फिर बिजनेस मॉडल तैयार किया जाता है। मॉडल में प्रोडक्ट, उसकी पैकेजिंग, लेबलिंग, ब्रांडिंग, लाइसेंसिंग, मार्केट लिंकिंग इंवाल्व है। मैं लोगों को बिजनेस
मॉडल तैयार करके देती हूं, जिससे लोग गांव को छोड़कर न जाए और जंगलों का विकास भी होता रहे। जंगल से कच्चा माल एकत्र कर अपनी ही यूनिट में प्रोडक्शन करते हैं फिर उसे बेच देते हैं। अच्छी कमाई तो होती है, जंगल की नेमतों की कद्र भी बढ़ जाती है।
इन हर्बल सामानों का कर रहीं प्रोडक्शन
महुआ लड्डु, महुआ कुक, ड्राई फ्रुट्स लड्डू, मसाला काजु, हनी मिक्स नट्स, मसाला गुड़, गुड़ पाउडर, शहद, ईमली चिल्ली सॉस, हल्दी मसाला मिक्स, महुआ चाय, ढेकी चांवल, टिकुर शरबत, आमचूर पाउडर दलिया, चारू पानी मसाला, महुआ एनर्जी बार, मिर्च मसाला।