स्ट्रीट क्रिकेट खेलकर ग्रो किया और बनी महिला टीम कैप्टन
भिलाई की रहने वाली विकेट कीपर बैटर शिवानी टी हरिकृष्णा छत्तीसगढ़ महिला क्रिकेट टीम की कैप्टन रही। बचपन से ही क्रिकेट खेलने के शौक ने उसे स्ट्रीट क्रिकेट प्लेयर बनाया। शिवानी टी कहती हैं कि, गलियों और खाली मैदान में लडक़ों के साथ क्र्रिकेट खेलती थी। कुछ समय बाद पापा ने कहा कि यदि खेलना ही है तो अकेडमी ज्वाईन कर लो। बस वहीं से मेरे खेल की शुरुआत हुई। अकेडमी में पहले में टेनिस बॉल से खेलती थी फिर मेरे कोच बैनजीं सर ने कहा कि तुम लेदर बॉल से खेलों और मध्यप्रदेश की सीनियर वुमन टीम के साथ खेलों।
पहली ही बार नेशनल खेलने का मौका मिला
शिवानी टी कहती हैं कि मैं जब खेलती थी उस समय छत्तीसगढ़ को मान्यता नहीं मिली थी इस कारण मध्यप्रदेश की सीनियर टीम के साथ खेलना मेरा सपना था। जब पहली ही बार नेशनल खेलने का मौका मिला तो फस्र्ट 11 में खेलना चाहती थी मैं नई थी इस कारण लग रहा था कि मौका मिले या न मिले, लेकिन मुझे मौका मिला और वहां से मेरा आत्म विश्वास बढ़ा। मैंने टी 20 सीनियर वुमन मैच खेले। वन-डे भी खेला है। रणजी मैच खेले है। एक अच्छे प्लेयर के पीछे उसका कोच होता है। भारत में तो क्रिकेट का बहुत द्यादा क्रेज है। छत्तीसगढ़ में भी वह सारी सुविधाएं है।
मिला कोच और परिवार का सहयोग
शिवानी टी कहती हैं कि मैं 5 साल से प्रोफेशनली क्रिकेट खेल रही हूं। मुझे मेरे कोच बैनर्जी सर और परिवार का बहुत सहयोग मिला। इस कारण ही मैं आज खेल पा रही हूं। मेरे कोच ने मेरे खेल की स्ट्रटजी को देखकर ही मुझे सिखाया। बीसीसीआई के कई सारे डोमेस्टिक क्रिकेट खेले। 2 साल तक कोविड का क्रिकेट पर असर रहा।
बहन और टीचर ने किया सपोर्ट
खेल के साथ पढ़ाई भी उतनी ही जरूरी थी। इसमें मेरी बड़ी बहन और मेरे टीचर्स ने बहुत ज्यादा सहयोग किया। मेरी बहन हमेशा मेरे साथ होती थी। कोविड के कारण क्रिकेट में थोड़ा उतार- चढ़ाव हुआ है ,लेकिन अब वुमन क्रिकेट को इतना सर्पोट मिल रहा कि लड़कियां अब इसमें करियर बनाने का सोच रही है। –
लोग भी पसंद करते है
बीसीसीआई ने महिलाओं और पुरूषों की क्रिकेट टीम में मानदेय बराबर किया है। अब वुमन आईपीएल भी होंगे। इस कारण अब लड़कियां भी क्रिकेट को अपने करियर के तौर पर ले रही हैं। छत्तीसगढ़ अभी वुमन क्रिकेट को प्रमोट कर रहा है इस कारण हमारी टीम में अभी 19 वुमन प्लेयर हैं। रोजाना प्रैक्टिस करती हूं। यहां टैलेंट की कमी नहीं है। गांव से भी लड़किया आती है जो क्रिकेट खेलती है।