लोग हंसते थे कि अब बच्चों की पॉटी भी साफ करेंगी, लेकिन अब वहीं दे रहे दुआंए
घर की आर्थिक स्थिति को संबल देने के लिए पांच साल पहले रेणुका ने डे-केयर खोला।
Raipur news शादी के बाद बच्चों को पढ़ाना शुरू किया तो यह काम बीच में ही बंद हो गया। घर की आर्थिक स्थिति को संबल देने के लिए पांच साल पहले 46 साल की रेणुका कुलकर्णी ने आइडियल डे-केयर खोला। शुरू में ३ माह तक तो लोगों को समझ में नहीं आया, न ही डे-केयर में कोई बच्चा आया तब रेणुका के पति ने झूला घर के नाम से लोगों तक रेणुका के काम को पहुंचाया। फिर क्या था उसी माह सबसे पहला बच्चा 3 माह का आया और तब से शुरू हुआ यह कार्य आज दो ब्रांच तक पहुंच गया। अब वे बच्चों को स्पीच थेरेपी भी देती है। बच्चे उन्हें आई कहते हैं। आई भी अपने बच्चों के साथ इस कदर रमी रहती है कि छोटे बच्चों के माता-पिता उन्हें दुआएं देते है और कहते है कि आप है तो हम अपने बच्चों की परवरिश अच्छे से कर पा रहे है।
लोग हंसते थे कि अब पॉटी साफ करेगी
रेणुका बताती है कि जब मैंने अपना काम शुरू किया तो कॉलोनी में ही आइडियल डे-केयर के नाम से बोर्ड टांगा, तो लोगों ने कहा कि अब यह बच्चों की पॉटी साफ करेगी, लेकिन मेरे काम पर लोगों की इस सोच का कोई फर्क नहीं पड़ा। अब मेरी दो ब्रांच है और वहां 3 माह से लेकर10 साल तक के 30 बच्चे है जिनमें कुछ स्पेशल बच्चे भी है जिनकों मैं स्पीच थेरेपी देती हूं। बच्चों के साथ काम करना बहुत अच्छा लगता है। सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक का समय कैंसे गुजरता है पता ही नहीं चलता।
शादी के पहले करती थी काम
जबलपुर की रहने वाली रेणुका ने शादी के पहले स्कूल में पढ़ाने का काम किया और बच्चों से शुरू से ही लगाव रहा इस कारण बच्चों के बीच रहने वाला काम ही पसंद किया। शादी के बाद भी रेणुका बच्चों को पढ़ाती थी लेकिन काम अचानक बंद करना पड़ा तो परिवार के खर्चे पूरा करने के लिए अपने डे-केयर की शुरुआत की और आज सफल महिलाओं में उनकी गिनती आती है।
चाइल्ड सॉयकोलॉजी भी शुरू की
रेणुका ने चाइल्ड सॉयकोलॉजी में एमए किया है और अब वो जल्द ही चाइल्ड सॉयकोलॉजी पर भी काम शुरू करने वाली हैं। वो कहती हैं कि जब मैंने काम शुरू किया तो लगा कि मैंनेज कैसे होगा, लेकिन समय के साथ सारी चीजे सरल होती गई। अब मैंने दो लोगों को रोजगार दिया है।