धार्मिक भजनों में अभिनय किया करती थी यह अभिनेत्री, ऐसे आई फिल्मों में
नोनी के अनहोनी” की लीड एक्ट्रेस अनिकृति चौहान से खास मुलाकात
रायपुर@ टी. हुसैन राजिमवाले। स्टारडम को मैं चार दिन की चांदनी मानती हूँ। जिनकी बदौलत आपको स्टारडम मिला हो उनके प्रति सदा कृतज्ञता होनी चाहिए, घमंड नहीं। हंस झन पगली के बाद जिस तेजी से मेरी फैंस फॉलोइंग बढ़ी है उसके लिए तो सतीश सर की वजह से। उनके जैसे डायरेक्टर संग काम करना मेरी किस्मत है। फिल्मों में मुझे लाने वाले दिवंगत अभिनेता आशीष शेन्द्रे हैं। मैं जीवनभर उनकी आभारी रहूंगी। यह कहना है छत्तीसगढ़ी फिल्म अभिनेत्री अनिकृति चौहान का। 24 नवंबर को अनिकृति की फिल्म ” नोनी के अनहोनी” रिलीज हो रही है। इसे लेकर वे काफी एक्साइटेड हैं। अभिनेत्री के फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लाखों फॉलोअर्स हैं। 300 से ज्यादा धार्मिक एलबम्स करने के बाद साल 2015 में आए हम बाराती से डेब्यू करने वाली अनुकृति ने एक के बाद एक कई हिट फिल्में दीं और उनके नाम के आगे स्टारडम जुड़ गया।
विरासत से मिली कला
हर किसी का अपना संघर्ष होता है मेरा भी रहा। कला मुझे विरासत से मिली है। मेरी मां को गायन में रुचि थी। चाचू वीडियो एल्बम एडिटिंग किया करते थे। ऐसे माहौल में मैं पढ़ी-बढ़ी। मेरे टाइम पर स्मार्ट फोन तो था नहीं। जो भी सीखा टीवी देखकर। चाहे डांस हो या अभिनय। फिल्म से पहले मैंने 300 से ज्यादा एल्बम किए थे। प्रेम सुमन से मुझे सिल्वर स्क्रीन की पहचान मिल चुकी थी। मैंने स्कूली छात्रा का रोल किया था। स्कूल ड्रेस में स्कूली बच्चों को ऑटोग्राफ देना यादगार पल रहा है।
हटकर है “नोनी के अनहोनी”
इस फिल्म में मुझे बड़ा मजा आया। इसका कांसेप्ट ही मजेदार है। रोमांस के साथ कॉमेडी का तड़का है। जब प्रोड्यूसर होमन देशमुख ने मुझे कहानी सुनाई तो मैं काफी उत्साहित हो गई थी। शूट में पूरी टीम ने खूब एंजॉय किया। हमें पता ही नहीं चला कि कब फिल्म शूट हो गई।