इस दिन मनाई जाएगी देव दिवाली, जगमगाएंगे दीएं, जानें इससे जुड़ी पौराणिक कथा
जगदलपुर. कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाये जाने वाले देव दिवाली 26 नवम्बर रविवार को मनाया जा रहा है। इस बार कृतिका नक्षत्र में देव दिवाली बहुत खास होने जा रहा है। दीपावली के 15 दिन बाद देव दिवाली मनाते हैं कार्तिक पूर्णिमा तिथि के प्रदोष काल में देव दीपावली मनाई जाती है। इस दिन नदी घाट और मंदिरों को दीयों की रोशनी से जगमग होते हैं। भगवान शंकर के असुर पर जीत की खुशी में देवताओं द्वारा देव दिवाली मनाई गई थी जिसके बाद प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाने की परम्परा की शुरूआत हुई थी।
देव दीवाली पर दीपक जलाने का शुभ मुहूर्त: कार्तिक पूर्णिमा दोपहर 03 बजकर 53 मिनट से अगले दिन 27 नवंबर सोमवार को दोपहर 02 बजकर 45 मिनट तक है। देव दीपावली कार्तिक पूर्णिमा तिथि में प्रदोष व्यापिनी मुहूर्त में मनाई जाती है, इसलिए इस वर्ष देव दीपावली 26 नवंबर रविवार को मनाई जाएगी, जबकि कार्तिक पूर्णिमा का व्रत और स्नान-दान 27 नवंबर सोमवार को होगा। देव दीपावली पर दीप जलाने का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 08 मिनट से शाम 07 बजकर 47 मिनट तक है।
इस दिन हुआ था त्रिपुरासुर का वध: पौराणिक मान्यता के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक रक्षस का वध किया था। इसी दिन दुर्गा रूप में माता पार्वती ने महिषासुर का वध करने शक्ति प्राप्त कि थी और भगवान विष्णु ने मत्स्यावतार लिया था। इसी कारण इस दिन देवताओं ने दीपावली मनाई थी। यही वजह है कि बस दिन को देव दिवाली के रूप में मनाते हैं।
देव दीपावली पर 3 शुभ योग
पंडित दिनेश दास के मुताबिक देव दिवाली पर इस वर्ष बन रहे 3 शुभ योग इसे खास बना रहा है। देव दिवाली के दिन रवि योग, परिघ योग और शिव योग बन रहे है । प्रात: 6 बजकर 52 मिनट से रवि योग प्रारंभ होगा जो जो दोपहर 02 बजकर 05 मिनट तक रहेगा।वहीं परिघ योग प्रात: काल से लेकर देर रात 12 बजकर 37 मिनट तक रहेगा । उसके बाद शिव योग शुरू होगा जो कार्तिक पूर्णिमा की रात्रि तक रहेगा।