अगहन में आएंगे कई व्रत और त्योहार, यहां देखें पूरी लिस्ट
रायपुर. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार अगहन (मार्गशीर्ष) माह शुरू हो गया है, जो भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय माह माना जाता है। इस माह श्री कृष्ण की आराधना के लिए भी जाना जाता है।
ज्योतिष के जानकार डॉ. नवनीत व्यास ने बताया कि इस माह को लेकर शास्त्रों में कहा गया है कि मासोनम मार्गशीर्षोहम्यानी मार्गशीर्ष के समान कोई दूसरा शुभ माह नहीं है। यानी भगवान श्रीकृष्ण ने खुद इस महीेने को सबसे शुभ बताया है। मान्यता यह भी है कि इस महीने से सतयुग का आरंभ हुआ था। ऐसे में इस मास जप, तप और ध्यान का विशेष महत्व है। मार्गशीर्ष में कई व्रत और त्योहार आएंगे। इसी माह में धनु संक्रांति आएगी. उस दिन से विवाह, मुंडन संस्कार जैसे सभी मांगलिक कार्य एक माह के लिए वर्जित रहेंगे। यानी मकर संक्रांति 14 जनवरी तक कोई भी मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे। इसी माह विवाह पंचमी, उत्पन्ना एकादशी, गीता जयंती, अन्नपूर्णा जयंती जैसे व्रत व त्योहार भी आएंगे, जिसका पूजा करने से मनोकामना की पूर्ति होती है।
इस माह यह जरूर करें: पं. व्यास ने बताया कि शास्त्रों के मुताबिक मार्गशीर्ष माह में विष्णु सहस्त्रनाम, गजेंद्र मोक्ष और भगवत गीता का पाठ करना अत्यंत लाभदायक होता है। इसके अलावा शंख में गंगाजल भरकर पूजा वाले स्थान में रख दें।
इस माह के व्रत-त्योहार
ऐसी पूजा करने से बनी रहती है कृपा
पंडितों के मुताबिक अगहन माह में किए गए व्रत-उपवास से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। इस माह कम से कम तीन दिन तक ब्रह्म मुहूर्त में किसी नदी में स्नान करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। स्त्रियों के लिए यह स्नान पति की दीर्घायु और अच्छा स्वास्थ्य देने वाला माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस माह में रोजाना तुलसी दल डालकर माखन मिश्री का भोग लगाने से श्रीकृष्ण हर विपदा को दूर करते हैं।
30 नवम्बर- गणाधिप संकष्टी चतुर्थी
5 दिसंबर- कालभैरव जयंती
8 दिसम्बर- उत्पन्ना एकादशी
10 दिसम्बर- प्रदोष व्रत
11 दिसंबर- मासिक शिवरात्रि
12 दिसम्बर- अमावस्या
14 दिसंबर- चंद्र दर्शन
16 दिसंबर-धनु संक्रांति (सूर्य का धनु राशि में प्रवेश), विनायक चतुर्थी
17 दिसंबर- विवाह पंचमी
18 दिसंबर- स्कंद षष्ठी
20 दिसंबर- मासिक दुर्गाष्टमी
22 दिसंबर- मोक्षदा एकादशी
23 दिसंबर- गीता जयंती
26 दिसंबर- दत्तात्रेय जतंयी, अन्नपूर्णा जयंती, पूर्णिमा व्रत