Sports गांव की रहने वाली यह लड़की कुछ इस तरह पहुंची स्विटजरलैंड
छत्तीसगढ़ में सुविधाओं की कमी
कोरियन कोच से स्विटजरलैंड में सीखा आर्चरी में बैलेंस बनाना
रायपुर। रायपुर के पास छोटे से गांव गिरौध( मांडर) की रहने वाली 18 साल की दीक्षा नायक ने स्विटजरलैंड में हुए कैंप में कोरियन कोच से ट्रेनिंग थी। अंतरराष्ट्रीय जूनियर तीरंदाजी प्रतियोगिता जो कोरिया में हुई थी उसमें कोचिंग कैंप के लिए दीक्षा का सिलेक्शन हुआथा। दीक्षा जब कक्षा ५ वीं में थी तो उस समय स्कूल में आर्चरी के बारे में बताया गया। दीक्षा को खेलने का मौका मिला तो, उसने उसी समय ठान लिया था कि इस खेल में भारत को पदक दिलाना है। वहीं से उसके आर्चरी खेल की शुरुआत हुई। अब तक कई मेडल जीतने वाली दीक्षा एशिया कप के ट्रायल में भी सिलेक्ट हो चुकी है लेकिन कोविड के कारण गेम हो नहीं पाया।
ट्रायल में कई बार फेल हुई
१२ साल की उम्र से खेल रही दीक्षा ने रायपुर के सांई में ही आर्चरी की ट्रेनिंग ली। इस बीच उसने कई सारे ट्रायल दिए, जिसमें वो सफल नहीं हो पाई। एक समय ऐसा आया कि कोविड के कारण उसकी प्रैक्टिस छूट गई, इस कारण वो ट्रायल में सफल नहीं हो पा रही थी।
खेलों इंडिया में हुआ सिलेक्शन
दीक्षा खेलो इंडिया के माध्यम से सोनीपत में 2 साल से प्रैक्टिस कर रही ह। अभी वो हरियाणा के सोनीपत में ट्रेनिंग ले रही है। यही रहते वो एक हफ्ते के लिए स्विटजरलैंड गई थी। दीक्षा कहती हैं कि यहां पर सारी सुविधाएं है , डाइट भी प्रापर मिलती है और कोच भी बहुत अच्छे है।
छत्तीसगढ़ में सुविधाओं की कमी
दीक्षा बताती हैं कि छत्तीसगढ़ में खेल की सुविधाएं को है, लेकिन कोच और डाइट की कमी हमेशा रहती है। आर्चरी में ही खेल के उपकरण कम है। यदि छत्तीसगढ़ में भी यह सारी कमियां दूर हो जाए तो कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी यहां से निकल सकते है।
छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करेगी
छत्तीसगढ़ तीरंदाजी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश मुरारका ने कहा कि छत्तीसगढ़ की तीरंदाज दीक्षा नायक स्विजरलैंड में 18 सदस्यों के टीम के साथ 5 से 16 अगस्त 22 प्रशिक्षण लेने के बाद आगामी होने वाले अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जो कोरिया में होने जा रहा है उस कोचिंग कैंप में उसका सिलेक्शन हुआ है अगर सिलेक्शन ट्रायल में दीक्षा नायक सेलेक्ट होती है तो आगामी कोरिया में होने वाली अंतरराष्ट्रीय जूनियर तीरंदाजी प्रतियोगिता में भाग लेगी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह मेडल लाएंगी।