खरमास में ही करें सबसे ज्यादा पूजा पाठ, ज्योतिष ने किया खुलासा, जानकर नहीं होगा यकीन
आज 16 दिसम्बर से खर मास प्रारंभ हो रहा है। हिन्दू धर्म में खरमास के दौरान सभी तरह के मांगलिक कार्यों पर निषेध किया गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार खरमास में किया गया काम अशुभ माना गया है इसलिए अब अगले एक महीने किसी भी तरह के शुभ कार्य पर रोक लग गया है। यह मास आज से शुरू होकर अगले 15 जनवरी तक होगी। इसके बाद हीे फिर से मांगलिक कार्य हो सकेंगे।
16 से 15 जनवरी तक खरमास
16 दिसंबर की शाम 3 बजकर 58 मिनट से साल की अंतिम खरमास की शुरू हो जाएगा। एक महीने तक चलने वाला खरमास 15 जनवरी को समाप्त होगी। इस दौरान सूर्य देव वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेंगे। इस बार धनु राशि में सूर्य का प्रवेश 17 दिसंबर को हो रहा है जबकि सूर्य 15 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश करेंगे।
किए जाने वाले कार्य
ज्योतिष के अनुसार खरमास में भले ही शुभ कार्य वर्जित है, लेकिन पूजा पाठ के लिये यह माह अति शुभ माना गया है। इस महीने भगवान विष्णु की पूजा अर्जना किया जाता है। सत्यनारायण की कथा से परिवार में खुशहाली आती है। इस माह तुलसी जी को नियमित जल देने से कई समस्याओं से मुक्ति मिलती है। इस माह में सूर्य देव को जल देना भी लाभदायक है।
एक माह तक लगा शहनाइयों पर ब्रेक
ज्योतिषाचार्य पंडित दिनेश दास ने बताया कि शास्त्रों के मुताबिक खरमास में किसी तरह के मांगलिक कार्य विवाह, उपनयन, मुंडन, गृहप्रवेश, दुरागमण, नामकरण सहित नया घर खरीदना, कोई संपत्ति खरीदना अथवा नया कारोबार शुरू करने से बचना चाहिए। इसके अलावा इस महीने लोगों को मांसाहारी भोजन और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।