छत्तीसगढ़ में ठंड का सितम.. यहां पारा 3 डिग्री तक लुढ़का, शीतलहर की चेतावनी
जिला मुख्यालय अंबिकापुर सहित पूरे सरगुजा संभाग में पिछले एक सप्ताह से कड़ाके की ठंड पड़ रही है। उत्तर दिशा से आ रही शुष्क हवाओं के कारण तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। इस सीजन में गुरुवार की रात सबसे ठंडी रही। अंबिकापुर का न्यूनतम तापमान 6.1 डिग्री दर्ज किया गया है। वहीं सरगुजा के शिमला कहे जाने वाले मैनपाट के अलावा बलरामपुर जिले के सामरीपाठ का न्यूनतम तापमान 3.6 डिग्री के करीब पहुंच गया है।
तापमान में गिरावट आने से मैनपाट में जगह-जगह ओस की बूंदें जमने से शुक्रवार की सुबह बर्फ के सामान सफेद चादर बिछी नजर आई। घास, पुआल व छोटे पौधे की पत्तियों पर ओस की बूंदें जमी हुई थी। तापमान में गिरावट आने के कारण दिन में तेज धूप निकलने के बावजूद भी कोई असर नहीं पड़ा। पूरे दिन लोग गर्म कपड़ों में ही नजर आए। चक्रवाती तूफान मिचौंग के प्रभाव खत्म होने के बाद से उत्तर दिशा से शुष्क हवाएं आनी शुरू है।
सरगुजा संभाग में पिछले एक सप्ताह से कड़ाके की ठंड पड़ रही है। हर दिन तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। इस सीजन में गुरुवार की रात सबसे ठंडी रही। अंबिकापुर का न्यूनतम 6.1 डिग्री व अधिकतम तापमान 23.8 डिग्री दर्ज किया गया है। जो सामान्य से करीब 2 डिग्री नीचे है। न्यूनतम तापमान में गिरावट आने से लोग कनकनी महसूस हो रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के शिमला कहे जाने वाले मैनपाट के अलावा सामरीपाठ में अन्य जगहों की अपेक्षा ज्यादा ठंड पड़ती है। मैनपाट का तापमान 3.6 डिग्री पहुंच चुका है। मैदानी इलाकों में जगह-जगह ओस की बूंदें जमने से बर्फ के सामान सफेद चादर बिछी नजर आई। घास, पुआल व छोटे पौधें की पत्तियों पर ओस की बूंदें जमी र्हुइं थीं। वहीं मौसम विभाग के अनुसार एक-दो दिनों में तापमान में और गिरावट आ सकती है।
पिछले 5-6 दिनों से तापमान में लगातार गिरावट
मौसम वैज्ञानिक एएम भट्ट के अनुसार दिसम्बर के महीने में अपनी धुरी पर घूमती हुई पृथ्वी का उत्तरी गोलार्ध लगातार सूर्य से दूर होता जाता है। लिहाजा सूर्य की किरणें उत्तरी गोलार्ध पर दूर से तिरछी आने लगती है जिससे भारत के उत्तरी भाग में सूर्यताप का लगातार ह्रास होता जाता है। इस समय सूर्य दक्षिणी गोलार्ध में अपने अंतिम छोर मकर रेखा के बेहद नजदीक पहुंच चुका है। 22-23 दिसम्बर को सूर्य जब मकर रेखा के ऊपर लम्बवत हो जाएगा तब वह उत्तरी गोलार्ध से अधिकतम दूरी पर होगा। इस स्थिति में उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड का दौर प्रारम्भ हो जाएगा। इस समय पछुआ का व्यवधान जब अपने बादलों की छतरी लेकर आता है तब ही ठंड से कुछ दिनों की राहत मिल पाती है, अन्यथा तापमान में निरंतर कमी आती है। अभी जब वातावरण में कोई व्यवधान नहीं है तब ठंड ने अच्छी तरह उत्तर भारत पर प्रभाव दिखाना प्रारम्भ कर दिया है। पिछले 5-6 दिनों से अम्बिकापुर सहित पूरे सरगुजा संभाग में तापमान में लगातार कमी दर्ज की जा रही है।
मैनपाट में बढ़ी सैलानियों की भीड़
कड़ाके की ठंड के बावजूद मैनपाट में सैलानियों की भारी भीड़ उमड़ रही है। कड़ाके की ठंड के कारण मैनपाट का नजारा भी खूबसूरत हो गया है। मैनपाट के होटलों व रिसॉर्ट्स में एडवांस बुकिंग चल रही है। क्रिसमस व नए साल को देखते हुए सैलानी मैनपाट के खुबसूरत दृश्य को देखने पहुंच रहे हैं। वहीं इस ठंड ने यहां की खुबसूरती और बढ़ा दी है।
ठंड से बचने आग का सहारा
इस सीजन में गुरुवार की रात सबसे ठंडी रही। न्यूनतम व अधिकतम तापमान सामान्य से 2 डिग्री कम रहने के कारण लोग कनकनी महसूस कर रहे हैं। शुक्रवार को पूरे दिन तेज धूप रहने के बावजूद भी राहत नहीं मिली। पूरे दिन लोग गर्म कपड़ों में ही नजर आए। वहीं शाम होते ही ठंड से बचने के लिए लोगों को आग का सहारा लेना पड़ा। लोग आग के सामने बैठे रहे।