छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन में गूंजा किसान के आत्महत्या का मामला, विपक्ष ने किया वाकआउट
Chhattisgarh Assembly Winter Session: छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे और आखिरी दिन की कार्यवाही जारी है। सदन की शुरुआत में भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री लीलाराम भोजवानी और डा रामलाल भारद्वाज को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद दो मिनट का मौनकर रखकर सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
इसके बाद सदन में अनुपूरक बजट पर चर्चा से पहले किसान आत्महत्या का मामला गरमा गया। विपक्ष ने चर्चा की मांग को लेकर सरकार को घेरा। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सदन में कहा, विशेष परिस्थिति है, किसान ने कर्ज के बोझ से आत्महत्या की है, महत्वपूर्ण मुद्दा है, इसपर चर्चा होनी चाहिए।
इस पर भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने जवाब दिया। कहा, नियम प्रक्रियाओं से परे सदन नहीं चल सकता, स्थगन का उल्लेख नहीं किया गया है, इसलिए चर्चा उचित नहीं है। नेताप्रतिपक्ष चरण दास महंत ने कहा कि गरीब की दुख सुनने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए, अध्यक्ष दयालु है, दिल दरिया है, उसमें किसान या आदिवासी समा सकता है, चर्चा होनी चाहिए।
इस बीच पक्ष और विपक्ष के अलग बयान सामने आते रहे। अनुपूरक बजट पर चर्चा से पहले किसान की मौत पर चर्चा को लेकर विपक्ष अड़ा रहा। इसके बाद हंगामे के बीच विपक्ष ने वाकआउट कर दिया। इसी बीच सदन में नारायणपुर किसान आत्महत्या पर विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव दिया। अजय चंद्राकर ने कहा, स्थगन की सूचना नहीं है, इससे पहले व्यवस्था आनी चाहिए। आसंदी ने स्थगन सूचना को अग्राह्य कर दिया। चर्चा नहीं कराने के विरोध में विपक्ष ने बहिर्गमन कर दिया।