मोहन कैबिनेट में 27 मंत्री करोड़पति और एक लखपति, देखिए शिवराज सिंह चौहान का स्थान
मध्य प्रदेश की डॉक्टर मोहन यादव की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार में 28 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है. इन विधायकों में से 18 को प्रदेश में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. विधानसभा चुनाव के दौरान दिए गए शपथ पत्र में सभी मंत्रियों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा दिया था. इनमें से सभी चल अचल संपत्ति के मामले में करोड़पति हैं. सारंगपुर के विधायक गौतम टेटवाल जरूर चल अचल संपत्ति के मामले में थोड़े पिछड़े है. उनके पास 89 लाख रुपये की संपत्ति है.
मध्य प्रदेश में नई सरकार ने अपना कामकाज शुरू कर दिया है. डॉक्टर मोहन यादव ने कैबिनेट के दो उपमुख्यमंत्री के अलावा 18 कैबिनेट मंत्री हैं, जबकि चार विधायकों को राज्य मंत्री बनाया गया है. इसके अतिरिक्त स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री हैं. नई सरकार के सभी 28 मंत्रियों की संपत्ति करोड़ों में है. यदि मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव की बात की जाए, तो वे भी करोड़ों की चल अचल संपत्ति के मालिक हैं. उनकी चल-अचल संपत्ति पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी अधिक है.
सबसे अमीर मंत्री ने छोड़ा भत्ता
डॉक्टर मोहन यादव मंत्रिमंडल में सबसे अमीर मंत्री उज्जैन संभाग के रतलाम शहर की विधानसभा सीट से विधायक चैतन्य कश्यप है. उनके पास करोड़ों की संपत्ति है. उन्होंने विधानसभा सत्र के प्रारंभ में ही विधायक को मिलने वाले वेतन और समस्त भत्ता लेने से इंकार करते हुए उन्हें जनहित में उपयोग करने की घोषणा कर दी थी. चैतन्य कश्यप, प्रदेश की रतलाम विधानसभा सीट से तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं और पहले भी उन्होंने दो बार वेतन और भत्ता सरकार से नहीं लिया था.
मंत्री चैतन्य कश्यप का टर्नओवर?
रतलाम सीट से तीसरी बार विधायक और मोहन यादव सरकार में मंत्री चैतन्य कश्यप की चल अचल संपत्ति और टर्नओवर 100 करोड़ से ज्यादा है. चुनावी घोषणा पत्र में चैतन्य कश्यप ने अपी कुल संपत्ति 294 करोड़ रुपये घोषित की थी. वह प्रदेश के टॉप अमीर विधायकों की सूची में पहले नंबर पर हैं. जबकि मंत्रिमंडल में शामिल हुए गोविंद सिंह राजपूत की चल अचल संपत्ति 14 करोड़ से अधिक है. इसी प्रकार पहली बार मंत्री बनी पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की बहू कृष्णा गौर की संपत्ति भी 10 करोड़ के आसपास है. प्रदेश सरकार में मंत्री पद बनाए गए अन्य मंत्रियों की संपत्ति भी करोड़ों में है.