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खरमास में सूर्यदेव को अर्घ्य देकर बच सकते हैं आने वाले मुसीबतों से, जानिए अभी

खरमास से पहले ये कर लें उपाय साल का आखिरी महीना यानी दिसंबर चल रहा है और बस कुछ ही दिनों में नए वर्ष की शुरुआत हो जाएगी। ऐसे में नए साल के शुरू होने से पहले ही लोगों ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। खरमास खत्म होने से पहले कर लें ये काम तो आने वाला साल शुभ होगा।

साल में दो बार खरमास का समय आता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब-जब सूर्यदेव बृहस्पति की राशि धनु और मीन में प्रवेश करते हैं तब-तब खरमास लगता है। खरमास का आरंभ 16 दिसंबर 2023 से हो चुका है जो आगमी 13 जनवरी 2024 तक रहेगा। खरमास के दौरान सूर्य की चाल थोड़ी धीमी हो जाती है। सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करते ही खरमास प्रारम्भ हो गया। खरमास में ईश्वर की कृपा पाने और अपने पुण्यों की वृद्धि करने के लिए शास्त्रों में कई उपाय बताए गए हैं।

सूर्य की उपासना

खरमास में रोजाना सूर्यदेव को अर्घ्य देना चाहिए। इससे आपको कभी रोग दोष नहीं होगा। ज्योतिषाचार्य पं. जागेश्वर अवस्थी के अनुसार इस महीने में नित्यप्रति सूर्य भगवान की पूजा करना और आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करना बहुत फलदाई माना जाता है। पाप नाशक और पुण्य वृद्धि कारक भगवान सूर्य को इस मंत्र-सूर्यदेव महाभाग! र्त्योक्य तिमिरापह। मम पूर्व कृतंपापं क्षम्यतां परमेश्वर:। को पढ़ते हुए अर्घ्य देने से आयु, विद्या बुद्धि और यश की प्राप्ति होती है। उत्तम स्वास्थ्य, शिक्षा, संतान और यश-कीर्ति की प्राप्ति, सामाजिक प्रतिष्ठा, प्रतियोगिता में सफलता, करियर में कामयाबी के लिए लोगों को प्रात: उदय होते लाल सूर्य की आराधना करनी चाहिए।

तुलसी

हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को पवित्र और पूज्यनीय माना गया है। तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का वास होता है। ऐसे में यदि नए साल में मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो दिसंबर खत्म होने पहले घर में तुलसी का पौधा जरूर लगाएं। साथ ही नियमित रूप से नियमों को ध्यान में रखते हुए इसकी सुबह-शाम पूजा करें। इससे हर कार्य में सफलता मिलती है।

गोमती चक्र

दिसंबर खत्म होने पहले घर में गोमती चक्र ले आएं और इसे अभिमंत्रित करके धन के स्थान पर रखें। ऐसा करने से सालभर बरकत बनी रहती है। साथ ही ये सुख, समृद्धि, स्वास्थ, धन लाभ देता है और बुरे प्रभावों पूरे परिवार की रक्षा करता है।

दान-पुण्य

गरीब लोगों और जरुरतमंदों की मदद करने से आप पर ईश्वर का आशीर्वाद बना रहता है। तिल, गुड़, गर्म कपड़े, कंबल आदि इस महीने में दान करना शुभ माना गया है।

श्रीकृष्ण की पूजा का महत्व…

खरमास में भगवान श्रीकृष्ण के मंत्रों के जाप से आपको कभी किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। खरमास में व्यक्ति को अपने इष्टदेव की पूजा-सेवा करने एवं दान-पुण्य करने से पुण्यों में वृद्धि होती है और जीवन में आए संकट दूर होने लगते हैं। इस महीने भगवान विष्णु के किसी भी अवतार और शिवपरिवार की उपासना करना विशेष फलदाई है।

सत्यनारायण की कथा…

खरमास में सत्यनारायण की कथा पढ़ना बेहद शुभ माना जाता है। पूरे परिवार को साथ बैठकर कथा सुननी चाहिए। इससे अक्षय फल की प्राप्ति हो सकती है।

तुलसी, केला और पीपल की पूजा…

खरमास के पूरे माह में तुलसी जी को नियमित जल देने और संध्या के समय दीपक प्रज्वलित करने से से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है। इसी प्रकार पीपल और केले के पेड़ की पूजा करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है।

ये भूलकर न करें

ज्योतिष मान्यता के अनुसार इस महीने में मुंडन, गृहप्रवेश, सगाई एवं शादी-विवाह आदि जैसे मांगलिक कार्य करना अशुभ माना गया है।

अगर आप बेटी की विदाई कर रहे हैं, तो खरमास के बाद ही करें। खरमास में विदाई नहीं करना चाहिए।

खरमास खत्म होने से पहले दक्षिणावर्ती शंख खरीदकर लाएं और शुभ मुहूर्त में विधिवत पूजा करके लाल कपड़े में लपेटकर तिजोरी या धन स्थान पर रख दें। यह लक्ष्मी को भी आकर्षित करता है। खरमास में व्यक्ति को अपने इष्टदेव की पूजा से पुण्यों में वृद्धि होती है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार लाफिंग बुद्धा को शुभ माना जाता है। इसे घर में रखना बेहद शुभ होता है। जहां लाफिंग बुद्धा की मूर्ति होती है वहां हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस मूर्ति को आप घर या दुकान के उत्तर पूर्व दिशा में रख सकते हैं।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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