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छत्तीसगढ़ के इस गांव में पहली बार पहुंची बिजली, लोगों की खुशी का नहीं रहा ठिकाना

आजादी के 75 साल बाद भी बस्तर के चांदामेटा में बिजली व अन्य सुविधा नहीं पहुंच सकी थी। इसके पीछे का अहम कारण नक्सलवाद था, लेकिन अब स्थिति बदल गई है। यहां न केवल सुरक्षा बलों का कैंप खोला गया बल्कि यहां अब विकास के रास्ते भी खुल रहे हैं। इलाके के पिछड़ेपन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 75 साल बाद यहां बिजली पहुंची है। वहीं अब सडक़ समेत अन्य सेवाएं धीरे धीरे पहुंच रही हैं। मालूम हो कि बस्तर जिले के दक्षिण के अंतिम छोर में बसा चांदामेटा गांव अब नक्सल दहशत खत्म हो चुकी है। इसके साथ ही अब विकास की गति भी बढ़ गई है।

बच्चों के हाथों हुआ आंबा भवन का उद्घाटन

कलेक्टर विजय दयाराम के. ने कोलेंग आंगनबाड़ी केंद्र का बच्चों से उद्घाटन करवाया। उन्होंने बच्चे को गोद में लेकर केंद्र का फीता कटवाकर और बच्चों को बिस्किट वितरण कर केंद्र का शुभारंभ किया। जिला पंचायत सीईओ, एसडीएम ने भी बच्चों को गोद में लेकर प्रवेश करवाया। वहीं इसके बाद कलेक्टर ने कोलेंग के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में संस्थागत प्रसव की स्थिति जायजा लेने पहुंचे। विगत माह जन्म लेने वाले बच्चों के संबंध में विस्तृत जानकारी ली और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। वहीं निरीक्षण के दौरान कर्तव्य स्थल पर अनुपस्थित रहने वाले आरएमए को स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया। इसके बाद वे धान खरीदी केंद्र पहुंचे और धान जल्द उठाव के निर्देश दिए। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ प्रकाश सर्वे, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तोकापाल सुब्रत प्रधान, दरभा जनपद सीईओ, पीएमजीएमवाय के राहुल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

पटेलपारा निवासी ऊरा कुंजाम ने बताया कि विद्युत लाइन विस्तार नहीं होने पर मिट्टी तेल से लालटेन या दीया जलाकर उजियारा करते थे या आग की रोशनी का ही सहारा था। वहीं पीसो ने बताया कि पहले नाले या झिरिया का पानी उपयोग करते थे जिससे कभी कभी तबियत भी खराब हो जाती थी। गांव के सरपंच आयता ने बताया कि पहले सडक़ नहीं होने से पटेलपारा वासियों को बहुत दिक्कत होती थी। सडक़ का निर्माण से सभी नागरिकों को सहूलियत है। बिजली आने से बिजली आने से सभी समस्या हल हो जाएगी।

जो पहले वादा किया था उसे पूरा किया

पिछले बार जब यहां आना हुआ था तब ग्रामीणों से चर्चा हुई थी। ग्रामीणों ने कई मांगें रखी थी। तब से इस दिशा में काम करने का प्रयास किया जा रहा था। आज उनसे किया सभी वादा पूरा हो गया है। बिजली और आंबा भवन के शुभारंभ के दौरान ग्रामीणों की खुशी और उत्साह गजब का था। इससे बेहतर खुशी किसी और चीज से नहीं मिल सकती।

विजय दयाराम के., कलेक्टर, बस्तर

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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