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वर-वधू के उम्र के सत्यापन ने बिना नहीं छपवा सकते शादी का कार्ड, प्रशासन ने बदला नियम, जानें

छत्तीसगढ़ में बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासन ने एक और कड़े नियम लागू किया है। हर साल की तरह इस साल भी रामनवमी व अक्षय तृतीया पर शादियां तय हो चुकी है। ऐसे में बाल विवाह को रोकने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। बिलासपुर में जिला प्रशासन ने इस अपराध पर लगाम लगाने के लिए नई तरकीब ढूंढ निकाली है।

टेंट, शादी भवन, बैंड और डेकोरेशन को दिए ये निर्देश

निर्देश दिए हैं कि अब वर-वधू के उम्र का सत्यापन करने बाद ही टेंट, प्रिंटिंग प्रेस, शादी भवन संचालक, कैटरर्स और डोरोकेशन संचालक अपनी सेवाएं देंगे। शनिवार को एडीएम आरए कुरुवंशी ने बाल विकास परियोजना अधिकारियों, बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों, जिला बाल संरक्षण अधिकारी को निर्देश दिए हैं।

प्रिंट मिडिया के माध्यम से बाल विवाह की रोकथाम के लिए समय समय पर आवश्यक सूचना,जागरूकता का प्रसारण किए जाने व कोटवारों के माध्यम से सभी ग्राम पंचायतों में बाल विवाह की रोकथाम के लिए मुनादी कराने के निर्देश दिए गए।

एडीएम ने ऐसे बच्चे जिन्होंने पढ़ाई छोड़ दी है, स्कूल से बाहर हैं या जिनकी उपस्थिति में अनियमिता है। सभी की सूची तैयार कर बाल विवाह के लिए जोखिम बच्चों की पहचान के बाद चिन्हित कर उन बच्चों की गहन पूछताछ करने के कहा है।

बाल विवाह की रोकथाम के लिए परिवार परामर्श किए जाने के निर्देश दिए। बाल विवाह रोकथाम के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को बाल विवाह के मामले मिलने पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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