चुनावी ड्यूटी से बचने शिक्षकों की बहानेबाजी, कोई कह रहा बीमार तो कोई दे रहा बेटे की दुहाई… आए 80 से ज्यादा आवेदन
लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच अब चुनावी ड्यूटी से पृथक होने के लिए आवेदन पहुंचनने का सिलसिला शुरू हो गया है। शिक्षकों के अलावा अन्य विभागों के ऐसे 80 से अधिक कर्मचारियों ने आवेदन किया है। किसी ने स्वास्थ्यगत कारण बताया है तो किसी ने पारिवारिक। निर्वाचन शाखा इन आवेदनों को जिला मेडिकल बोर्ड भेज रहा है। अनफिट का रिपोर्ट मिलने के बाद ही ऐसे लोगों को चुनाव ड्यूटी से पृथक किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि धमतरी जिले में 26 अप्रैल को चुनाव होना है। चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए जिला निर्वाचन आयोग की ओर से कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। जोर-शोर से तैयारियां की जा रही है। पीठासीन अधिकारी, पोलिंग अधिकारी, पहचानकर्ता और अमिट स्याही लगाने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को लगातार प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इस बीच चुनावी ड्यूटी लगने के बाद इस कार्य से पृथक होने के लिए भी बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने आवेदन दिया है। इसमें किसी शिक्षक और कर्मचारियों ने स्वास्थ्यगत कारणों से अपने आप को अनफिट बताया है तो कोई पारिवारिक कारणों से चुनाव ड्यूटी से पृथक होना चाहता है।
30 मार्च की स्थिति में ऐसे 80 से ज्यादा शिक्षक व कर्मचारियों ने आवेदन दिया है। इधर, लगातार मिल रहे आवेदन ने जिला निर्वाचन अधिकारी की मुश्किलें बढ़ा दी है, क्योंकि के पास गिनती के ही चुनाव अधिकारी और कर्मचारी है। फिलहाल ऐसे आवेदनों को सीधे जिला मेडिकल बोर्ड भेजा जा रहा है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम स्वास्थ्य जांच करने के बाद रिपोर्ट देगी, जिसके आधार पर अनफिट पाए जाने पर चुनावी ड्यूटी से पृथक किया जाएगा।
10 फीसदी नाम कटने के आसार
चुनाव ड्यूटी को देखते हुए जिला निर्वाचन आयोग की ओर से ज्यादा से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि विकट परिस्थिति में प्रशिक्षित रिजर्व अधिकारी-कर्मचारी से मदद ली जा सके। एक जानकारी के अनुसार हर बार चुनावी ड्यूटी लगने और प्रशिक्षण तक करीब 10 फीसदी कर्मचारियों का नाम ड्यूटी रोस्टर से कट जाता है।
कई बिन्दुओं पर हो रहा विचार
बता दें कि चुनावी कार्य अतिआवश्यक सेवा के दायरे में आता हैं, लेकिन धमतरी जिले में कई ऐसे भी शिक्षक और कर्मचारी हैं, जो अनफिट का बहाना कर चुनावी कार्य से बचना चाहते हैं। ऐसे कर्मचारियों पर भी जिला निर्वाचन शाखा की पैनी नजर हैं। ऐसे कर्मचारियों का पिछला कार्य अनुभव भी देखा जा रहा है। इसके अलावा ड्यूटी नहीं कर पाने की स्थिति वाले कर्मचारी, कोई गंभीर समस्या, एक साल से छोटे बच्चा, माता-पिता की स्वास्थ्यगत कारणों पर भी विचार विमर्श कर आवेदनों का निराकरण किया जा रहा है।
धमतरी अपर कलेक्टर जीआर मरकाम ने कहा कि जिले में चुनावी तैयारी जोरों से चल रहा है। पीठासीन अधिकारी से लेकर चुनाव अधिकारी-एक,दो,तीन को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इस बीच 80 से ज्यादा कर्मचारियों ने चुनावी ड्यूटी से पृथक होने का आवेदन दिया है। मेडिकल बोर्ड से जांच रिपोर्ट आने के बाद निराकरण होगा।