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स्वामी आत्मानंद स्कूल पर छाए संकट के बादल, भंग हुई स​मीति, अब कौन चलाएगा स्कूल

भिलाई . नए शैक्षणिक सत्र में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का संचालन जिला शिक्षा विभाग करेगा या कलेक्टर की अध्यक्षता वाली कमेटी, इसको लेकर संशय की स्थिति है। दरअसल राज्य सरकार ने स्कूलों के संचालन अधिकार को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया है। गुरुवार को लोक शिक्षण संचालनालय की बैठक में शिक्षा अधिकारियों को 10 अप्रैल से शुरू होने जा रही प्रवेश प्रक्रिया पर ध्यान देने को कहा गया है। इसके लिए स्कूलों के बारे में संचालन को लेकर कोई निर्णय नहीं हो पाया।

स्कूलों के संचालन को लेकर कलेक्टर की अध्यक्षता वाली समिति को भंग करने के मामले में नया मोड़ आ सकता है। यही वजह है कि स्कूलों के संचालन का अधिकार जिला शिक्षा विभाग को देने में देरी हो रही है। कक्षा पहली के लिए प्रत्येक आत्मानंद स्कूल में 50 सीटों पर प्रवेश दिया जाना है।

जिले की 52 हिंदी व अंग्रेजी माध्यम आत्मानंद स्कूलों में करीब 3 हजार बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। प्रत्येक सीट के लिए हजारों आवेदनों के बीच लॉटरी निकालकर प्रवेश मिलेंगे। हालांकि जिला शिक्षा विभाग ने अभी तक 10 नए आत्मानंद स्कूलों की सीटों को लेकर कोई भी विवरण जारी नहीं किया है। इस सत्र से इन स्कूलों में एडमिशन होंगे या नहीं, इसको लेकर भी अभी तक कोई सूचना जारी नहीं हुई है।

स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के आवेदन 10 अप्रैल से शुरू हो जाएंगे। दुर्ग जिले के 52 आत्मानंद स्कूलों में दाखिला दिया जाएगा। अंग्रेजी के साथ हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों को भी प्रवेश मिलेगा। आवेदन फार्म को भरकर 5 मई तक स्कूलों में जमा किया जा सकेगा। इसके बाद 5 से 10 मई के बीच प्रवेश के लिए लॉटरी निकाली जाएगी और 11 से 15 मई के बीच एडमिशन होंगे। छात्र सिर्फ एक ही आवेदन कर सकेगा। दुर्ग जिले के आत्मानंद स्कूलों के लिए सेजेस पोर्टल 10 अप्रैल से शुरू हो जाएगा।

दुर्ग डीईओ अरविंद मिश्रा ने कहा कि स्वामी आत्मानंद स्कूलों के संचालन को लेकर विभाग से अभी कोई आदेश नहीं मिला है। बैठक में भी कोई निर्देश नहीं दिए गए। हालांकि प्रवेश प्रक्रिया में इससे कोई प्रभाव नहीं पड़ना है।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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