पॉलिसीधारकों को बड़ा झटका, स्वास्थ्य बीमा का प्रीमियम 15% तक महंगा होने के आसार, आ रहा मैसेज
बीमा नियामक इरडा ने स्वास्थ्य बीमा के कई नियमों में बदलाव किया है। इसका असर पॉलिसीधारकों की जेब पर पड़ने वाला है। मौजूदा बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड कम करने और आयु सीमा समाप्त करने के आदेश जैसी नई गाइडलाइन के कारण बीमा कंपनियां हैल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम 10-15% बढ़ाने जा रही हैं। कई कंपनियों ने प्रीमियम बढ़ने का मैसेज पॉलिसीधारकों को भेजना शुरू कर दिया है।
इसमें कहा जा रहा है कि कंपनियां नए नियमों के बाद ग्राहकों की लोकेशन और उम्र के अनुसार प्रीमियम में बढ़ोतरी कर रही है। एचडीएफसी एर्गो ने ग्राहकों को भेजे मेल में कहा कि उन्हें प्रीमियम दरें औसतन 7.5% से 12.5% तक बढ़ानी होंगी। इंश्योरेंस प्लेटफॉर्म एको के रिटेल हैल्थ वाइस प्रेजिडेंट रूपिंदरजीत सिंह ने कहा कि नए नियमों के बाद कंपनियां स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम में 10-20% की बढ़ोतरी कर सकती हैं।
इसके साथ ही अब नियमों में बदलाव कर हैल्थ पॉलिसी खरीदने के लिए अधिकतम उम्र की शर्त हटा दी गई है। अब तक बीमा कंपनियों के लिए 65 साल तक के व्यक्ति को रेगुलर हैल्थ कवर ऑफर करना जरूरी था। अब कंपनियां 65 साल से अधिक उम्र के लोगों को पॉलिसी खरीदने से नहीं रोक पाएंगी।
जेब होगी ढीली…
इससे पहले कंपनियां बुजुर्गों का स्वास्थ्य बीमा कर रही थीं, लेकिन वह स्पेशियलाइज्ड पॉलिसी होती थी।43% को क्लेम लेने में परेशानी: लोकल सर्कल्स के सर्वेक्षण में पता चला कि 43% स्वास्थ्य बीमा पॉलिसीधारकों को क्लेम लेने में संघर्ष करना पड़ा।
तीन साल में देश में कई स्वास्थ्य बीमा दावों को या तो रिजेक्ट कर दिया या आंशिक रूप से स्वीकृत किया गया। वहीं लोगों को हैल्थ इंश्योरेंस क्लेम पाने में भी लंबा समय लगता है। सर्वे के मुताबिक पॉलिसियों में दावों के लिए पात्रता आदि के बारे में पूरी जानकारी नहीं होना, तकनीकी शब्दजाल के उपयोग के कारण बीमा कॉन्ट्रैक्ट में अस्पष्टता, पहले से मौजूद बीमारी के कारण दावों का खारिज किया जाना आदि शामिल है।
किस क्लेम में परेशानी
बीमा हिस्सेदारी
हैल्थ इंश्योरेंस 43%
मोटर इंश्योरेंस 24%
होम इंश्योरेंस 10%