छत्तीसगढ़ की ‘फूफू’: सपना था IAS अफसर बनने का, लेकिन जुनून ने बना दिया एक्टर
शुरुआत धीमी लेकिन दिशा सही हो तो इंसान अपने लिए तय किए मुकाम को अवश्य ही हासिल कर लेता है। कंटेंट क्रिएटर अनिल सिन्हा की जर्नी भी कुछ ऐसी ही है। आज लाखों फॉलोवर उनके वीडियोज के दीवाने हैं, वहीं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इनकी फैन फॉलोविंग भी लाखों में है।
अपने कॉमेडी वीडियोज से लोगों के दिल में बनाई जगह
अनिल बताते हैं कि कंटेंट क्रिएशन के फील्ड में सबसे जरूरी चीज महंगे इक्विपमेंट्स, टेक्नीकल ज्ञान, एक्टिंग स्किल्स ये सब बिलकुल भी नहीं है। वह कहते हैं कि जो युवा इसमें कॅरियर बनाना चाहते हैं उनके लिए सबसे जरूरी है कि वह बस शुरुआत करें। चाहे आपके पास जो भी संसाधन मौजूद हो उसका इस्तेमाल कर उसमें से कुछ बेस्ट निकलने का प्रयास करें।
अनिल ने बताया कि इस फील्ड में गलतियां करना बेहद आम बात है। जितना आप अधिक काम करते जाएंगे आपको छोटी-छोटी बारीकियां समझ आती चली जाएंगी। धीरे धीरे आप चीजों को समझते जाएंगे और हर बार आप कुछ नया करने का प्रयास करते हुए पहले से बेहतर होते जाएंगे। वह कहते हैं कि जब आप एक मिडिल क्लास फ़ैमिली से इस फील्ड में आते हैं तो सबसे पहली समस्या यही होती है आपको पता नहीं होता की इसे फुल टाइम कैसे किया जाए।
समस्याओं का डटकर करें मुकाबला
हर वक्त आपको लोगों से सुनने को मिलेगा कि ये सब फ़ालतू काम है, कुछ मिलने वाला नहीं है। चुप चाप से जॉब करना चाहिए। ये फील्ड भी उतार-चढ़ाव वाला रहता है । कभी बहुत अच्छा तो तो कभी बुरा समय भी आता है। कई बार होता है जो कंटेंट आप अच्छा सोच के लिखते हैं वो लोगों को पसंद नहीं आता। लेकिन इसका मजा यही है कि आप समस्याओं का डटकर सामना करें, तभी काम करने में भी आपको मजा आने लगेगा।
अनिल का सक्सेस मंत्र
सक्सेस का एक ही फ़ार्मूला है अपने काम के प्रति पैशनेट रहे और कंसिस्टेंट रहे। अगर आप यह ठान ही चुके हैं कि आपको इस फील्ड में कॅरियर बनाना है तो आपको इसके लिए दिन रात मेहनत करनी होगी। यह फील्ड भी आपसे हार्डवर्क और समय मांगता है। सपने हमेशा बड़े देखिए और उन सपनों को पूरा करने के लिए अपना शत प्रतिशत दें।
युवाओं को सुझाव
जो यूथ कंटेंट क्रिएशन या इनफ्लुएंसर के क्षेत्र में अपना कॅरियर बनाना चाहते हैं उन्हें बिलकुल इस फील्ड में आगे बढ़ना चाहिए। इससे आपकी खुद की पहचान भी होगी। अगर आपने ठान लिया है कि इस फील्ड में आगे बढ़ना है तो इस काम को पूरी ईमानदारी से कीजिए। चुनौतियों का डट कर सामना करें और हार कभी नहीं मानें।
दूसरे क्रिएटर्स को देख कर आया आइडिया
अनिल बताते है कि वह कॉलेज में एंकरिंग किया करते थे। अपने एंकरिंग के काम को वह काफी सीरियसली लिया करते थे और उसके लिए स्क्रिप्ट लिखने से लेकर करेक्टराइजेसन तक का काम खुद ही किया करते थे। अपने कॉलेज की पढाई के बाद उन्होंने सिविल सर्विसेज की कोचिंग करने की शुरुआत की। अपने कोचिंग के दौरान उन्होंने यूट्यूब में कुछ क्रिएटर्स के वीडियो देखे जिससे उन्हें लगा कि वह भी ऐसे वीडियो बना सकते है। और यहां से ही उनके कंटेंट क्रिएटर की जर्नी की शुरुआत हुई।