Lok Sabha Election Result: राजनांदगांव में भूपेश की जीत या हार, जानिए मैदानी रिपेार्ट का ताजा हाल
लोकसभा निर्वाचन के अंतिम चरण का चुनाव शनिवार को संपन्न हो चुका है। अब केवल नतीजे का इंतजार है। वह भी दो दिन आ जाएंगा। 4 जून की दोपहर तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि देश में किसकी सरकार बनेगी। वहीं दूसरी ओर यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र के सांसद कौन होंगे।
जनता मोदी की गारंटी के चलते मौजूदा सांसद संतोष पाण्डेय पर भरोसा जताई है या फिर पूर्व सीएम भूपेश बघेल को मौका देना चाहती है। भले ही राजनांदगांव सीट में 15 अभ्यर्थी हो, लेकिन यहां भाजपा-कांग्रेस में ही सीधा मुकाबला है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल यहां कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी उतारे गए, इसके बाद से राजनांदगांव सीट हाई प्रोफाइल हो गई। क्योंकि राजनांदगांव पूर्व सीएम व वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष डॉ.रमन सिंह यहां से विधायक हैं।
ऐसे में यह सीट दोनों ही पार्टी के प्रतिष्ठा का सवाल बन चुका है। इसे देखते हुए दोनों ही पार्टी की ओर चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंकी गई। वहीं 77.42 प्रतिशत मतदाताओं ने वोटिंग किया। इसमें पंडरिया विधानसभा से 71.97 और कवर्धा विधानसभा के 75.83 प्रतिशत मतदाताओं ने अपनी सहभागिता निभाई। जीत किसी को मिले, लेकिन इसमें कवर्धा और पंडरिया का मतदान अहम साबित होगा।
राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र में अब तक हुए लोकसभा और विधानसभा के चुनाव के परिणामों पर गौर करें तो काफी अंतर देखने को मिला है। चौंकाने वाले तथ्य यह है कि विधानसभा चुनाव में तो कांग्रेस मजबूत रही है किंतु लोकसभा के चुनाव में कब्जा वाले विधानसभा सीटों में भी हार का मुंह देखना पड़ा है।
वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में जहां कांग्रेस आठ में से सात विधानसभा सीटों पर कब्जा जमाने में कामयाब रही तो वहीं लोकसभा चुनाव आते ही भाजपा प्रत्याशी संतोष पांडेय 1 लाख 11 हजार से अधिक वोटों के भारी अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी भोलाराम साहू को हरा दिए थे। अभी हाल ही में 2023 में हुए विधानसभा चुनाव की बात की जाए।
राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र के आठ में से पांच विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस का कब्जा है तो वहीं राजनांदगांव, कवर्धा और पंडरिया सीट में भाजपा विजयी हुई। अब लोकसभा में राजनांदगांव सीट में फिर से इतिहास दोहराया जाएगा या फिर कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस मिथ्या को तोड़ देंगे।
आठ विधानसभा पांच में कांग्रेस का कब्जा
जैसे-जैसे मतगणना की तिथि नजदीक आ रही है प्रत्याशियों की धड़कने तेज हो चुकी है। वहीं हार-जीत को लेकर गुणा भाग होने लगे हैं। लोगों के बीच भी यही चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र में मौजूद सांसद ही बने रहेंगे या फिर जनता पूर्व सीएम को सांसद के रुप में नई पारी खेलने का मौका देंगे। इसका जवाब मतदाताओं ने तो दे दिया है अब केवल परिणाम घोषणा ही बाकी है।
तीन पंचवर्षीय में भाजपा कांग्रेस को मिले वोट शेयरिंग
पिछले तीन पंचवर्षीय में भाजपा-कांग्रेस की वोट शेयरिंग की बात करें तो वर्ष 2009 की लोकसभा चुनाव में भाजपा 52.70 प्रतिशत जनमत मिला था, जबकि कांग्रेस को 38.36 प्रतिशत। वहीं वर्ष 2014 में भाजपा को वोट शेयरिंग में और बढ़त मिली, जबकि कांग्रेस के घट गए। भाजपा को 54.61 प्रतिशत और कांग्रेस को 34.59 प्रतिशत वोट मिले। लेकिन वर्ष 2019 में भाजपा के वोट शेयरिंग में गिरावट आयी, जबकि कांग्रेस को बढ़त 8 फीसदी तक बढ़ी। भाजपा को 50.68 फीसदी और कांग्रेस को 42.11 प्रतिशत मत मिले।