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Lok Sabha Election 2024: भूपेश बघेल की हार का ये है 5 सबसे बड़ा कारण, जिसे कोई भाप तक नहीं सका और..

लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद जीत-हार को लेकर दोनों ही प्रमुख राजनीतिक पार्टी कांग्रेस और भाजपा का मंथन शुरू हो गया है। हार-जीत की समीक्षा और चर्चा जारी है। सार यही दिख रहा है कि राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र के पांच विधानसभा में भाजपा को बढ़त मिली जबकि कांग्रेस ने तीन में कब्जा जमाया। वहीं पिछले लोकसभा की तुलना में जीत का अंतर कम हो गया।

राजनांदगांव लोकसभा संसदीय क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी जीतकर आए हैं लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में जीत के अंतर को कांग्रेस ने काफी हद तक कम करने में कामयाब रही है। वर्ष 2019 विधानसभा चुनाव में जहां राजनांदगांव लोकसभा सीट के आठ में से सात सीट कांग्रेस की झोली में आई, लेकिन लोकसभा चुनाव में जनता का मूड बदल गया और भाजपा प्रत्याशी संतोष पांडेय विजयी हुए।

ठीक उसी तरह इस बार 2023 विधानसभा में पांच सीट पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया, लेकिन लोकसभा चुनाव आते ही यह आंकड़ा ठीक विपरीत बैठ गया। लोकसभा में पांच विधानसभा में भाजपा को बढ़त मिली है तो वहीं तीन विधानसभा सीट में ही कांग्रेस को बढ़त मिली है। खुज्जी, मानपुर-मोहला और पंडरिया में कांग्रेस को बढ़त मिली है, तो वहीं राजनांदगांव, डोंगरगांव, कवर्धा, डोंगरगढ़ और खैरागढ़ में भाजपा को अच्छा खासा बढ़त मिली है।

राजनांदगांव सीट में जहां भाजपा को एकतरफा 57 हजार 666 वोटों की बढ़त मिली है। वहीं कांग्रेस को मानपुर-.मोहला सीट से भाजपा प्रत्याशी से 39 हजार से अधिक वोट से आगे रही। कुल मिलाकर शहरी क्षेत्र के मतदाताओं ने जहां भाजपा पर भरोसा जताया, तो वहीं ग्रामीण क्षेत्र के मतदाताओं ने मिला-जुला वोट शेयर किया।

13 प्रत्याशी जमानत तक नहीं बचा पाए

भाजपा के संतोष पांडेय ने कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व मुयमंत्री भूपेश बघेल को 44 हजार 411 वोटों से करारी शिकस्त दी है। भाजपा प्रत्याशी संतोष पांडेय को 7 लाख 12 हजार 57 वोट प्राप्त हुए, जो कि कुल वोटों का 49.25 फीसदी है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल को 6 लाख 67 हजार 646 वोट मिले हैं जो कि कुल वोटों के 46.18 फ ीसदी है। तीसरे पायदान पर एएच सिद्धिकी को 10 हजार 737 वोट मिले हैं। चौथे पायदान पर देवीलाल सिन्हा को 9 हजार 668 मत प्राप्त हुए हैं। वही पांचवें पायदान पर नोटा को 9 हजार 553 वोट प्राप्त हुए हैं। यहां से 15 प्रत्याशी मैदान में थे, लेकिन 13 प्रत्याशी अपना जमानत तक नहीं बचा पाए। भाजपाइयों की माने तो कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व सीएम होने के कारण बड़ा चेहरा था इस वजह से जीत का अंतर कम हुआ है।

भाजपा की जीत के पांच बड़े कारण

मोदी मैजिक- भाजपा की लहर के चलते लोकसभा चुनाव में वोटरों ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया।

स्वच्छ छवि- सांसद संतोष पांडेय पर पांच सालों में किसी तरह को कोई आरोप नहीं लगा।

एकजुटता- भाजपा ने एकजुट होकर चुनाव कैंपन किया। शहर से लेकर गांवों तक प्रचार में पसीना बहाया।

केंद्रीय योजना- लोकसभा चुनाव में भाजपा द्वारा केंद्रीय योजनाओं के लाभ को गिनाया गया। इसका भी असर जनता में देखने को मिला।

प्रदेश सरकार- प्रदेश में सरकार आने और सरकार आते ही महतारी वंदन योजना, किसानों को धान बिक्री का एकमुश्त भुगतान का भी असर रहा।

कांग्रेस की हार के पांच बड़े कारण

बाहरी प्रत्याशी- विधानसभा के बाद लोकसभा में भी बाहरी प्रत्याशी को मैदान में उतारने से स्थानीय कांग्रेसियों में रोष था। विरोध भी खुलकर सामने आए।

दूरी- सत्ता में रहते चंद लोगों को प्राथमिकता देने और कार्यकर्ताओं से दूरी बनाए रखने का आरोप भूपेश बघेल पर लगा।

उपेक्षा- सत्ता में रहते हुए कांग्रेस व पूर्व सीएम भूपेश बघेल द्वारा राजनांदगांव की लगातार उपेक्षा की गई। यह भी लोकसभा में कांग्रेस को महंगा पड़ा।

प्रबंधन कमजोर- अंदरूनी विरोध के चलते बूथों में कांग्रेस का कमजोर प्रबंधन देखने को मिला। स्थानीय कार्यकर्ताओं के बजाए बाहरी लोगों से मैनेजमेंट कराया गया।

भ्रष्टाचार के आरोप- सत्ता में रहते शराब घोटाला, पीएससी घोटाला, कोल घोटाला, महादेव सट्टा ऐप जैसे मामलों में कांग्रेस के मुयमंत्री घिरते नजर आए।

सामान्य वर्ग से प्रत्याशी होने का दिखा असर

कबीरधाम जिले में दो विधानसभा कवर्धा और पंडरिया दोनों राजनांदगांव लोकसभा में आते हैं। यहां वनांचल में कांग्रेस को भारी वोट मिला है, तो वहीं भाजपा मैदानी क्षेत्र से वोट बटोरने में कामयाब हुई। हालांकि इन दोनों विधानसभा के वोटों की कुल शेयरिंग बात की जाए तो यहां लगभग बराबर है। हालांकि भाजपा को मामूली 6999 वोट अधिक मिले हैं। जबकि संतोष पांडेय का यह गृह जिला है। राजनीतिक सूत्रों की माने तो यहां विधानसभा और लोकसभा में सामान्य वर्ग से प्रत्याशी उतारे जाने से थोड़ी नाराजगी रही, जबकि यहां ओबीसी से प्रत्याशी उतारे जाने की मांग थी। वहीं जातिगत वोटों की बात करें तो ओबीसी वर्ग के कई समाज के वोट भाजपा को पूर्ण रुप से नहीं मिला, जबकि पिछले चुनावों में इनका वोट भाजपा को मिलता रहा है।

विधानसभा चुनाव और लोकसभा में कहां से किसे कितना वोट

राजनांदगांवपार्टी लोकसभा 2024 विधानसभा 2023 भाजपा 108657 101414 (61.25%)कांग्रेस 50991 56709(34.25%)

डोंगरगांवपार्टी लोकसभा विधानसभा भाजपा 89119 77787 (45.97%)कांग्रेस 72081 80273 (47.44%)

खुज्जीपार्टी लोकसभा विधानसभा भाजपा 67475 54521 (34.31%) कांग्रेस 82394 80465 (50.64%)

मोहला मानपुर पार्टी लोकसभा विधानसभा भाजपा 41800 45713 (34.11%)कांग्रेस 81140 77754 (57.79%)

खैरागढ़पार्टी लोकसभा विधानसभा भाजपा 85716 84070 (46.16%)कांग्रेस 79757 89704 (49.26%)

डोंगरगढ़पार्टी लोकसभा विधानसभा भाजपा 85961 74778 (43.27%) कांग्रेस 75003 89145 (51.59%)

कवर्धापार्टी लोकसभा विधानसभा भाजपा 125803 144257 (53.22%)कांग्रेस 115398 101665 (38.61%)

पंडरियापार्टी लोकसभा विधानसभा भाजपा 106908 120340 (50.44%) कांग्रेस 110314 93986 (39.40%)

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।

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