CM Sai Cabinet Expansion: साय कैबिनेट में किसे मिलेगा मौका, सामने आए ये पांच नाम, देखकर लगेगा झटका
लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है। 11 में से 10 सीटों में बीजेपी ने जीत दर्ज की है। इन 10 सीटों में से एक सीट में ऐसी है वर्तमान विधायक अब चुनाव जीतकर सांसद बन गए है। बृजमोहन अग्रवाल को पार्टी ने लोकसभा चुनाव का टिकट दिया था, और यह बदलाव पार्टी के लिए कारगर साबित हुआ। बृजमोहन साय कैबिनेट में मंत्री थे। वहीं अब उनके इस्तीफे के बाद यह पद खाली हो जाएगा। वहीं पहले से एक और पद खाली है।
अब इन दो पदों पर सीएम विष्णु को नए चेहरे को मौका देना होगा। जिसे लेकर अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। इन पदों के लिए अनुभवी के साथ-साथ युवा विधायक भी दौड़ में शामिल हो गए हैं। विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में कई चौंकाने वाले फैसले लिए हैं। इसे नए और युवा विधायकों की उमीद बढ़ गई है।
इन पांच नामों की चर्चाएं तेज
छत्तीसगढ़ सरकार की कैबिनेट (CG CM Sai Cabinet Expansion) में खाली दो मंत्री पदों को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम है। जहां मंत्री बनने की दौड़ में कई बड़े नेताओं के नाम शामिल हैं। वहीं अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय नेताओं की चर्चा भी खूब हो रही है। मंत्री पदों के लिए पांच नामों की सबसे ज्यादा चर्चा की जा रही है। इन नामों में अजय चंद्राकर, राजेश मूणत, अमर अग्रवाल, धरमलाल कौशिक, लता उसेंडी के नाम की भी चर्चा है।
रिजल्ट से पहले जारी है विधायकों की दिल्ली दौड़
लोकसभा चुनाव में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को टिकट मिलने के साथ ही कई वरिष्ठ नेताओं की बांछे खिल गई थी। इसके बाद संगठन की तरफ से जो जिमेदारी मिली, उसे पूरी ईमानदारी के साथ निभाने का प्रयास किया गया। इन सब के बीच दिल्ली की दौड़ भी वरिष्ठ नेताओं ने लगाई है। बृजमोहन के जाने के बाद माना जा रहा है कि रायपुर से ही किसी एक को मंत्री का ताज मिल सकता है।
चार पूर्व मंत्री प्रमुखता के कर रहे दावे
अब देखना यह है कि यह ताज किसी अनुभवी व युवा को मिलता है। बताया जाता है कि पहली बार चुन कर आए नए विधायक ने अपनी लॉबिंग काफी तेज कर दी है। सत्ता से लेकर संगठन तक अपनी दावेदारी पेश कर चुके हैं। समाज विशेष से आने वाले नेता को मौका मिलने की भी चर्चा शुरू हो गई है। वहीं चार पूर्व मंत्री भी अपने दावेदारी प्रमुखता से कर रहे हैं। ऐसे में सत्ता और संगठन के बीच तालमेल बैठाना आसान नहीं होगा।
एक साथ दो पदों पर नहीं रह सकते
बता दें कि कानून के रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल एक्ट 1951 के अनुसार कोई भी व्यक्ति एक ही समय पर एक ही पद पर रह सकता है। इस एक्ट के चलते एक पद की सदस्यता से इस्तीफा (CG CM Sai Cabinet Expansion) देना पड़ता है। बृजमोहन अग्रवाल भी एक साथ दो पदों की सदस्यता नहीं रख सकते है। उन्हें विधानसभा सदस्य, या संसद की सदस्यता दोनों में से एक पर से इस्तीफा देना पड़ेगा। हालांकि ये साफ हो गया है कि वे विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देंगे।
बता दें कि जब कोई व्यक्ति संसद और विधानसभा दोनों के लिए चुना जाता है, तो उसे 14 दिन के भीतर विधानसभा की सीट खाली करनी होती है, यदि ऐसा नहीं करते हैं तो उसकी संसद की सदस्यता रद्द हो जाती है।
कई विकल्प की हो रही चर्चा
दो मंत्री की नियुक्ति को लेकर दो तरह की चर्चाएं हो रही है। पहली यह है सरकार चाहे तो एक मंत्री का पद खाली होने पर उनकी जगह दूसरी नियुक्ति जल्द ही कर देगी। इसके बाद बचे एक मंत्री की नियुक्ति नगरीय निकाय चुनाव होने के बाद करेगी। दूसरा इस बात की भी चर्चा है कि सरकार रिक्त होने वाले मंत्री का विभाग दूसरे अन्य मंत्रियों में बांट देगी।
इसके बाद जनवरी 2025 में दोनों मंत्रियों की एक साथ नियुक्ति की जाएगी। दरअसल, राज्य निर्माण के बाद ऐसे पहली बार हुआ है कि जब मंत्री का एक पद बीच में खाली हो सकता है। इससे पहले मंत्रियों के विभाग में बदलाव जरूर हुआ है।