छत्तीसगढ़ में दो मंत्री पद के लिए क्या नाम हो गया फाइनल, मिल रहे ये संकेत
सांसद व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा तेज हो गई है। अब साय सरकार में दो मंत्री के पद खाली हो गए हैं। ऐसे में सत्ता और संगठन के बीच तालमेल बैठाने के लिए क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण को ध्यान में रखे जाने के संकेत मिले हैं।
यदि ऐसा होता है, तो कई दिग्गज मंत्री पद की दौड़ से बाहर हो जाएंगे। वहीं बृजमोहन अग्रवाल सामान्य वर्ग से आते हैं और वरिष्ठ मंत्री भी है। ऐसे में सामान्य वर्ग के कई प्रमुख वरिष्ठ नेताओं की उमीदें बढ़ गई है कि अब उन्हें मौका मिल सकता है। हालांकि कौन मंत्री बनेगा, इसका अंतिम फैसला शीर्ष नेतृत्व ही करेगा।
वरिष्ठ नेताओं के बीच एक दौर का मंथन हुआ
कैबिनेट के विस्तार को लेकर सत्ता और संगठन के बीच कई दौर का मंथन होना है। इसमें से एक दौर का मंथन पिछले दिनों सीएम हाउस में हो चुका है। इसमें प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन, मुयमंत्री विष्णुदेव साय, डिप्टी सीएम सहित कुछ अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे। बताया जाता है कि इस बैठक में कैबिनेट विस्तार के अलावा अन्य कई महत्वपूर्ण विषयों पर भी चर्चा हुई है।
आयोग को भेजी सूचना
विधानसभा अध्यक्ष की अनुशंसा पर विधानसभा सचिवालय ने बृजमोहन अग्रवाल का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। इसकी सूचना निर्वाचन आयोग को भी भेज दी गई है। अब आयोग 18 दिसबर के पहले रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट के लिए उप चुनाव कराएगा।
लोकसभा चुनाव के बाद बिलासपुर जिले का कद बढ़ा है। यहां के सांसद तोखन साहू को केंद्रीय राज्यमंत्री का दर्जा मिला है। वहीं प्रदेश के डिप्टी सीएम अरुण साव भी बिलासपुर जिले से आते हैं। ऐसे में बिलासपुर के वरिष्ठ नेताओं की दावेदारी थोड़ी कमजोर हुई है। बिलासपुर संभाग से अमर अग्रवाल और धरमलाल कौशिक वरिष्ठ विधायक है।
अग्रवाल मंत्री रह चुके हैं और कौशिक मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष की भी जिमेदारी निभा चुके हैं। वहीं रायपुर से बृजमोहन और टंकराम वर्मा को मंत्री बनाया गया था। बृजमोहन के जाने के बाद क्षेत्रीय समीकरण को ध्यान में रखकर रायपुर से ही किसी एक को मंत्री बनाने की चर्चा है।
इस बार दुर्ग संभाग को मंत्रिमंडल में कम प्रतिनिधित्व मिला है। ऐसे में इस संभाग की दावेदारी भी मजबूत दिखाई दे रही है। बस्तर संभाग से भी किसी एक को प्रतिनिधित्व मिलने की उमीद है। ऐसे में दो मंत्री का चुनाव करना भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा। कैबिनेट के विस्तार के बाद पार्टी में असंतोष दिखाई देने की पूरी आशंका है।
ऐसा हो सकता है गणित
पार्टी के भीतर कैबिनेट विस्तार को लेकर एक चर्चा तेजी से दौड़ रही है। इसमें कहा जा रहा है कि पार्टी एक अनुभवी और एक युवा चेहर को मौका दे सकती है। इस बार पार्टी ने नए चेहरों पर भरोसा जताया है। इससे पहली बार के विधायक बने नेता भी सक्रिय है। इसमें रायपुर और दुर्ग के एक-एक नए विधायक भी दौड़ में प्रमुखता से आगे चल रहे हैं। दोनों संघ की पृष्ठभूमि से भी आते हैं। इनकी लाबिंग काफी मजबूत बताई जा रही है।