चुनावी में हार के बाद कांग्रेस में फूटा लेटर बम, भूपेश बघेल को बताया जिम्मेदार, पार्टी में मचा हड़कंप
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की प्रदेश में करारी हार की समीक्षा हो रही है। सोमवार को चौथी बैठक राजीव भवन में हो रही थी। इस बीच एक गुमनाम पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस पत्र में लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जिम्मेदार ठहराया गया है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को संबोधित इस पत्र में कहा गया है कि भूपेश बघेल के अहंकार की वजह से हार हुई है। पत्र में यह भी कहा गया है कि प्रदेश में हुए घोटालों में जेल जाने के डर से कांग्रेस को हराने का षड्यंत्र रचा गया। भूपेश के साथ ही चरणदास महंत, मोहम्मद अकबर और ताम्रध्वज साहू पर भी निशाना साधा गया है।
लोकसभा में पुराने चेहरे को टिकट दिया : पत्र में यह भी कहा गया है कि लोकसभा में फिर हारे हुए पुराने चेहरों को टिकट दिया गया। दुर्ग से पांच मंत्री थे सब हारे थे, फिर दुर्ग से चार लोगों को दूसरे क्षेत्रों से टिकट दे दिया। परिणाम ये हुआ कि सब हार गए। ज्योत्सना महंत जीतीं तो उसमें चरणदास या कांग्रेस का कोई रोल नहीं है।
बड़े नेताओं के अहंकार से डूबी कांग्रेस
गुमनाम पत्र में लिखा गया है कि बड़े नेताओं के अहंकार की वजह से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार हुई है। पत्र में कहा गया है कि चुनाव परिणामों पर समीक्षा करने आज नेता दिल्ली से रायपुर पहुंचे और विधानसभा, लोकसभा में हार के कारणों पर चर्चा की, जबकि आप स्वयं राहुल गांधी, कुमारी सैलजा , चन्दन यादव, प्रदेश का हर शख्स जानता है कि हार के मात्र दो कारण हैं।
इन दो कारणों से हारी कांग्रेस
पत्र में हार का पहला कारण पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की रणनीति को बताया है। जबकि दूसरा कारण सौम्या, रामगोपाल, गिरीश देवांगन, अनिल टुटेजा, सूर्यकांत तिवारी, विनोद वर्मा, प्रदीप शर्मा, राजेश तिवारी, ढेबर जैसे लोग और सट्टा, शराब, कोयला, डीएमएफ, जीएसटी, पीएससी जैसे कई घोटाले हैं।
बैज बोले- चिट्ठी में शिकायतकर्ता का नाम नहीं, कोई आधार नहीं
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने वायरल गुमनाम पत्र को लेकर कहा कि हालांकि मैंने वायरल चिट्ठी को नहीं देखी है, लेकिन सुनने में जो आया है, उसके अनुसार उसमें शिकायतकर्ता का कोई नाम नहीं है। इसलिए यह पत्र निराधार है। कांग्रेस के बड़े नेताओं को बदनाम करने की साजिश है।