बाबा जी भगवान है या इंसान.. देखने आए 116 लोगों की मौत! जारी है लाशों की पहचान
उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को अमंगल हो गया। भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 116 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं हैं। दो सौ से ज्यादा लोग गंभीर हैं। ऐसे में मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है। घायलों को इलाज के लिए सिकंदराराऊ सीएचसी, हाथरस अलीगढ़ व एटा भेजा गया है। स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी बुधवार को हाथरस जाएंगे।
वहीं आईजी अलीगढ़ शलभ माथुर ने हादसे में अब तक 116 लोगों की मौत की पुष्टि की है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि फुलरई मुगलगढ़ी के एक खेत में आयोजित साकार हरि बाबा (भोलेबाबा) का एक दिवसीय सत्संग सुनने के लिए करीब सवा लाख लोग पहुंचे थे। करीब दो बजे सत्संग खत्म हुआ। बाबा के अनुयायी बाहर की ओर जाने लगे। भोले बाबा के काफिले को निकालने के कारण 50 हजार अनुयायियों को सेवादारों से रोक दिया। भोले बाबा का काफिला निकलने के बाद बाहर निकलने की होड़ में भगदड़ मच गई। उमस और भीड़ में दम घुटने के कारण कई लोग बेहोश हो गए। भीड़ उन्हें कुचलते हुए भागने लगी।
वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि हादसे में महिलाओं व बच्चों सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की मृत्यु हृदयविदारक है। इस हादसे का पता चलने पर मैं व्यक्तिगत रूप से पीड़ा अनुभव कर रहा हूं। मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि वह दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिजनों के साथ हैं। हादसे में घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।
भोले बाबा एटा के गांव बहादुर नगरी के रहने वाला है। उसका असली नाम सूरज पाल है। 17 साल पहले पुलिस कांस्टेबल की नौकरी छोड़कर वह सत्संग करने लगा। उसने खुद को गुप्तचर विभाग से जुड़ा कर्मचारी बताया था। उसके पास वर्दीधारी स्वयंसेवकों की फौज है। वह सूट-बूट में रहता है।
..लगा कि मौत हो जाएगी
एक महिला ने बताया कि सत्संग के बाद हम लोग निकलने लगे। तभी भगदड़ मच गई। कई लोगों की जान चली गई। मैं भी दब गई थी, लगा था कि मौत हो जाएगी, लेकिन किसी तरह बच गई।