रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव: उम्मीदवारों के लिए कांग्रेस में मथापच्ची शुरू, सामने आए ये नाम
कांग्रेस ने रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव को लेकर तैयार तेज कर दी है। इसे लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में दो महत्वपूर्ण बैठकें भी हुई। बताया जाता है कि बैठक में बैज ने इस बात के संकेत दिए है उपचुनाव में रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के रहवासी को ही टिकट दिया जाएगा। इससे बहुत से दावेदारों के चेहरे खिल गए हैं। वहीं, उपचुनाव की तैयारियों को लेकर हुई बैठक के दौरान शक्ति-प्रदर्शन का भी दौर चला। बैठक शुरू होने से पहले ही राजीव भवन प्रत्याशी बनाने के नारे से गूंज उठा।
वरिष्ठ नेताओं की हुई बैठक
कांग्रेस की पहली बैठक वरिष्ठ नेताओं की हुई। इसमें राज्य सरकार को घेरने की रणनीति पर विस्तार से चर्चा हुई। इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव सहित तमाम वरिष्ठ नेता शामिल हुए। इस बैठक के समाप्त होने के बाद वरिष्ठ नेता कांग्रेस भवन से रवाना हो गए। उपचुनाव की तैयारी को लेकर हुई बैठक से पहले महापौर एजाज ढेबर के समर्थकों ने नारेबाजी करते हुए उन्हें प्रत्याशी बनाने की मांग रखी।
पहुंच रहे दावेदार
इस बैठक में बहुत से दावेदार भी पहुंचे थे। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष बैज ने कहा कि हम सभी को पूरे दमखम के साथ उपचुनाव लड़ना है, ताकि कांग्रेस को जीत हासिल हो सकें। बैठक के बाद बैज ने कहा कि, रायपुर दक्षिण उप चुनाव सभी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर लड़ेंगे। हम को दक्षिण का चुनाव जीतना है। भाजपा सरकार की 6 माह की वादा खिलाफी दक्षिण के चुनाव में बड़ा मुद्दा है। रायपुर दक्षिण के चुनाव को चुनौती की तरह स्वीकार कर पार्टी परचम लहराएगी।
वहीं, बैज ने भाजपा कार्यसमिति की बैठक में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के शामिल होने पर निशाना साधा है। बैज ने कहा कि, विधानसभा अध्यक्ष का पार्टी बैठक में शामिल होना संसदीय परंपरा के अनुरूप नहीं है। डॉ. रमन सिंह तीन बार क मुख्यमंत्री और अनुभवी नेता उन्हें इसका ज्ञान जरूर होगा।
दीपक बैज ने कहा— व्यापारियों को डराकर वसूली की जा रही
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा, सरकार ने व्यापारियों से भयादोहन शुरू कर दिया है। जीएसटी के छापे मारे जा रहे, व्यापारियों को डराकर वसूली की जा रही है। जमीनों के खसरा लॉक, नामांतरण-बंटाकन और रजिस्ट्री रोककर जमीन व्यापारियों से वसूली हो रही है। उनका आरोप है कि सरकारी ठेकों में वसूली का टारगेट अधिकारियों को दिया गया है। पूरी सरकार भ्रष्टाचार का केंद्र बन चुकी है। जमीनों की रजिस्ट्री में जनता को लूटा जा रहा है।
भूमि की गाइडलाइन दर में 30 प्रतिशत के छूट को समाप्त कर दिया, लेकिन रजिस्ट्री फीस में 4 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी को नहीं हटाया गया। खाद बीज के संकट से किसान बदहाल है। सरप्लस बिजली वाले छत्तीसगढ़ में बिजली कटौती शुरू हो गई है।