बड़ी खुशखबरी: बिना एंट्रेंस एग्जाम के संगीत महाविद्यालय में मिलेगा प्रवेश, इस वजह से नियमों में हुआ बदलाव
इंदिरा संगीत कला विश्वविद्यालय खैरागढ़ की संबद्धता से दुर्ग साइंस कॉलेज में संचालित संगीत महाविद्यालय में प्रवेश के लिए अब ऑफलाइन आवेदन भी कर सकेंगे। दुर्ग संगीत महाविद्यालय के बैचलर ऑफ परफॉर्निंग आर्ट यानी बीपीए पाठक्रम में लोकसंगीत लोकगायन एवं भरतनाट्यम की पढ़ाई होगी।
पहले तक प्रवेश के आवेदन ऑनलाइन थे, जिसको महाविद्यालय प्रशासन ने अब छात्रों की सहूलियत के लिए ऑफलाइन कर दिया है। बीपीए पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों को 31 जुलाई से पहले आवेदन करना होगा। संगीत महाविद्यालय की कुल सीट 40 हैं।
जिनमें लगातार एडमिशन हो रहे हैं। ऐसे में संगीत की शिक्षा में रुचि रखने वालों के पास अब समय सीमित है। सबसे खास बात यह है कि दुर्ग संगीत महाविद्यालय में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों को एंट्रेस एग्जाम देने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यहां सीधे दाखिले मिलेंगे।
दुर्ग जिले को फायदा
संगीत विश्वविद्यालय दुनियाभर में मशहूर है। यहां दी जाने वाली संगीत की तालीम हासिल करने विदेशों के विद्यार्थियों का भी छत्तीसगढ़ आना होता है। अब दुर्ग जिले में इससे संबद्ध महाविद्यालय संचालित होने से देश-विदेश के साथ ही जिले के विद्यार्थियाें को भी नया मंच मिल सकेगा। विशेषकर खैरागढ़ जाकर संगीत के पाठ्यक्रम पढ़ने की जरूरत नहीं होगी। बल्कि वे अपने घर पर रहकर ही कलाकर बन सकेंगे।
पढ़ेंगे हिंदुस्तानी संगीत
कॉलेज के लिए स्थायी भवन तलाशने की मुहिम प्रवेश संपन्न होने के बाद शुरू हो जाएगी। संगीत महाविद्यालय के कोर्स बीपीए में विद्यार्थियों को शास्त्रीय संगीत (हिंदुस्तानी) पढ़ाया जाएगा। इसके अलावा उन्हें भरतनाट्यम सिखाएंगे। एक विषय लोक संगीत का भी रखा गया है।
इसी तरह हिंदी और अंग्रेजी को आधार पाठ्यक्रम रखा गया है। कोर्स का संचालन करने कर्नाटक शैली गायन और मृदंगम के लिए एक-एक संगतकार है। हार्मोनियम और सारंगी के लिए विभाग ने एक संगतकार दिया है।
साइंस कॉलेज डॉ. एमए सिद्दिकी ने बताया कि प्राचार्य संगीत महाविद्यालय में प्रवेश के लिए अब ऑफलाइन आवेदन भी कर सकेंगे। वहीं छात्रों को एंट्रेस एग्जाम देने की जरूरत नहीं होगी। सीधे दाखिले होंगे।