छत्तीसगढ़ में 250 से ज्यादा स्टील प्लांट में लगा ताला, सरकार को होगा बड़ा नुकसान
बिजली बिल में 25 फीसदी इजाफा करने के विरोध में 250 से ज्यादा स्टील प्लांट सोमवार की रात 12 बजे से अनिश्चितकाल के लिए बंद हो जाएंगे। फैक्ट्री संचालकों ने बैठक के बाद सर्वसम्मति से इसका फैसला लिया है। साथ ही राज्य सरकार से उद्योगों को नुकसान से बचाने के लिए बिजली दरों को कम करने या सब्सिडी देने की मांग की गई है।
छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल नचरानी ने बताया कि बिजली बिल में इजाफे के कारण फैक्ट्री संचालकों को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है। कीमतें कम नहीं करने पर इस्पात उद्योग पूरी तरह से बंद हो जाएंगे। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ने के साथ ही बेरोजगारी की दर बढ़ेगी।
साथ ही उत्पादन के ठप होने पर सरिया और स्टील के दामों में कई गुना इजाफा होगा। वहीं देशभर के अन्य राज्यों पर भी असर पड़ेगा। उन्होंने बताया कि बिजली बिल के इजाफे को लेकर राज्य सरकार सहित विद्युत विभाग के अघिकारियों से कई दौर की चर्चा हो चुकी है। लेकिन, अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई।
फैक्ट्री संचालकों ने दिया समर्थन
बिजली बिल में इजाफे को लेकर मंगलवार को कैप्टिव पॉवर प्लांट वाले फैक्ट्री , रोलिंग मिल, मिनी स्टील एसोसिएएशन सहित अन्य फैक्ट्री संचालकों द्वारा समर्थन देने बैठक का आयोजन किया गया है। इसके बाद सभी फैक्ट्रियों भी अनिश्चितकाल के लिए बंद हो जाएगी। बता दें कि प्रदेशभर में 800 से ज्यादा लोहा फैक्ट्री और इससे जुड़े छोटे उद्योगो का संचालन किया जाता है।
10 साल में दोगुना इजाफा
लोहा फैक्ट्री संचालकों ने बताया कि 2014 में 4.15 रुपए प्रति यूनिट के दर से बिजली मिलती थी। वहीं 2024 में इसकी दरों में गुना से ज्यादा का इजाफा करते हुए 7.60 रुपए प्रति यूनिट और 15 फीसदी तक एफपीपीएएस, 10 पैसे उपकर लिया जा रहा है। इसके चलते उत्पादन की लागत बढ़ गई है।