नारी शक्ति: इस लड़की को है सांपों से प्यार… इस तरह बनाया गोल्डन बुक ऑफ रेकॉर्ड, जानिए अजिता के बारे में
जिस तरह से शांत स्वभाव और मुस्कराहट के साथ वह मरीजों की देखभाल करती हैं, उसी तरह बड़े प्यार और सहजता के साथ सांपों को पकड़ती हैं बिलासपुर, छत्तीसगढ़ की अजिता पांडे। अजिता नर्सिंग ऑफिसर हैं। बचपन से ही पशु प्रेम के माहौल में पली-बढ़ी अजिता ने सांपों के संरक्षण को अपना मकसद बनाया। मूर्तिकार पिता और अध्यापिका मां की बेटी अजिता ने 12वीं कक्षा के बाद सरकार और एनजीओ की मदद से सांपों को पकडऩे और संरक्षित करने की ट्रेनिंग ली। इसके बाद उन्होंने सांपों को पकडकऱ उन्हें सुरक्षित स्थान पर छोडऩा शुरू किया।
984 सांपों को रेस्क्यू कर बनाया रेकॉर्ड
अजिता ने पिछले 10 साल में कोबरा, रेसल वाइपर, रैट स्नेक, और बैंडेड क्रेट समेत हजारों जहरीले और गैर-जहरीले सांपों को पकडऩे में सफलता प्राप्त की है। कोविड के दौरान 984 सांपों को रेस्क्यू करने के लिए उनका नाम गोल्डन बुक ऑफ रेकॉर्ड में दर्ज हुआ। हाल ही, में उनका एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे बिलासपुर के एक कॉलेज में 10 फीट लंबे सांप को रेस्क्यू कर रही थीं; इस वीडियो को 4 मिलियन लोगों ने देखा है। अजिता को लोग सांप वाली दीदी के नाम से भी जानते हैं।
अंधेरे में कोबरा पकडऩा मुश्किल
वह बताती हैं कि उन्होंने कई सांपों का रेस्क्यू किया है, लेकिन दो साल पहले एक गांव में कोबरा को पकडऩे में काफी मुश्किल आई। सूचना मिलने पर जब वे रेस्क्यू करने गईं, तो कोबरा बहुत गुस्साया हुआ था और वहां बिजली की कोई व्यवस्था नहीं थी। अकेले डेढ़ घंटे की मेहनत के बाद कोबरा को रेस्क्यू किया फिर उसे जंगल में छोड़ा। उनका कहना है कि हर सांप की अपनी प्रकृति और एक विशेष जलवायु होती है, और अगर उसे उसके प्राकृतिक आवास से अलग रखा जाए, तो वह जीवित नहीं रह पाता।