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बैंक खाते के बिना होगा डिजिटल पेमेंट, बच्चे-परिवार के लोग कर सकेंगे इस्तेमाल, जानिए ये फीचर

नई दिल्ली. नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन (एनसीपीआई) ने देशभर में ‘यूपीआई सर्किल डेलिगेट पेमेंट’ सर्विस लॉन्च कर दिया है, जिसकी घोषणा आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले हफ्ते एमपीसी बैठक के बाद की थी। इसमें यूजर्स अपने यूपीआई अकाउंट्स को दूसरों के साथ शेयर कर सकते हैं और उन्हें पेमेंट करने का अधिकार दे सकते हैं। यह डेलिगेटेड पेमेंट सिस्टम उन लोगों के लिए फायदेमंद होगा, जिनके पास अपना बैंक अकाउंट नहीं है। यानी एक ही बैंक अकाउंट से यूपीआई के जरिए आपके परिवार के अन्य लोग भी ऑनलाइन पेमेंट कर सकते हैं। एनसीपीआई यूपीआई पेमेंट के लिए फेस अनलॉक जैसे बायोमैट्रिक फीचर पर भी काम कर रहा है, ताकि यूपीआई पेमेंट को सुरक्षित बनाया जा सके।

एनसीपीआई के मुताबिक, यूपीआई डेलिगेटेड पेमेंट की सुविधा केवल सेविंग्स अकाउंट पर मिलेगी। क्रेडिट कार्ड या अन्य लोन अकाउंट पर इस सर्विस को नहीं दिया जाएगा। इसमें मेन अकाउंट जिसका होगा, वह इसे पूरी तरह कंट्रोल कर पाएगा। वह अपने बैंक खाते से पेमेंट के लिए किसी को भी इजाजत दे सकता है। इजाजत मिलने के बाद यूजर्स अपने मोबाइल पर ही इस सेवा का इस्तेमाल कर पाएंगे।

इसकी लिमिट क्या होगी? प्राइमरी यूजर सेकंडरी यूजर के लिए ट्रांजेक्शन लिमिट भी सेट कर सकता है। एनपीसीआई के मुताबिक पूरे अधिकार पर अधिकतम मासिक सीमा 15,000 रुपए होगी। एक बार में अधितकम 5000 रुपए का पेमेंट किया जा सकता है। वहीं, आंशिक डेलीगेशन के लिए मौजूदा यूपीआई सीमा लागू होगी, जो अलग-अलग बैंकों के लिए अलग-अलग है।

सेकंडरी यूजर को कैसे जोड़ सकेंगे? प्राइमरी यूजर को सेकेंडरी यूजर का क्यूआर कोड स्कैन करना होगा, या उनका यूपीआई आईडी एंटर करना होगा। भविष्य में प्राइमरी यूजर अपने फोन के कॉन्टैक्ट लिस्ट में शामिल लोगों को ही सेकंडरी यूजर बना सकेंगे। सुरक्षा के लिए मैनुअल तरीके से मोबाइल नंबर एंटर कर सेकंडरी यूजर बनाने की अनुमति नहीं होगी।

कितने लोगों को बना सकते हैं सेकंडरी यूजर: एक प्राइमरी यूजर अधिकतम 5 लोगों के सेंकेंडरी यूजर बना सकते हैं। हालांकि सेकंडरी यूजर केवल एक प्राइमरी यूजर का ही डेलिगेशन स्वीकार कर सकता है।

यूपीआई सर्किल डेलिगेट पेमेंट सर्विस को इस तरह डिजाइन किया गया है कि इसमें कई लोग एक ही बैंक अकाउंट से यूपीआई के जरिए ऑनलाइन पेमेंट कर सकते हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य महाप्रबंधक (डिजिटल बैंकिंग) केवी शीतल ने कहा, यह परिवार के सदस्य या परिचितों को भुगतान करने का काम सौंपने का एक नया विकल्प है। इससे दो या अधिक व्यक्ति यूपीआई भुगतान करने के लिए एक बैंक खाते का इस्तेमाल कर सकेंगे। इसमें प्राइमरी यूजर के पास पूरा कंट्रोल यानी मास्टर एक्सेस रहेगा। इससे यूपीआई खाता सुरक्षित रहेगा और धोखाधड़ी की आशंका नहीं रहेगी।

कैसे करेगा काम? इस फीचर का इस्तेमाल करने के लिए प्राइमरी अकाउंट होल्डर को सेकंडरी यूजर (जिन्हें पेमेंट करने की इजाजत देनी है) के लिए एक मेंडेट क्रिएट करना होगा। प्राइमरी यूजर सेकंडरी यूजर को पूरा या आंशिक रूप से भुगतान करने का विकल्प दे सकता है। पूरा अधिकार मिलने पर सेकंडरी यूजर को प्राइमरी अकाउंट होल्डर की ओर से तय राशि सीधे पेमेंट करने का अधिकार होगा। वहीं, आंशिक अधिकार की स्थिति में सेकंडरी यूजर को हरेक लेनदेन के लिए प्राइमरी यूजर को अनुरोध भेजना होगा।

क्या सुरक्षित है यह सुविधा

एनसीपीआई के मुताबिक, इसमें सुरक्षा के लिए मजबूत उपाय है। यह सिस्टम यह सुनिश्चित करता है कि केवल खाताधारक ही लेनदेन को वेरिफाई कर सकता है। वे लेनदेन की सीमा तय कर सकते हैं। प्राइमरी अकाउंट होल्डर्स को हर लेनदेन के लिए वास्तविक समय में सूचित किया जाता है, जिससे उन्हें किसी भी संदिग्ध गतिविधि को पहचानने व रिपोर्ट करने का मौका मिलेगा।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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