आईआईटी भिलाई में प्रोफेशनल्स के लिए ई-मास्टर्स डिग्री प्रोग्राम लॉन्च, जानिए
फर्स्ट जनरेशन आईआईटी यानी दिल्ली, मुंबई और खड़गपुर की तर्ज पर अब आईआईटी भिलाई ने भी अपने ई-लर्निंग कोर्स लॉन्च कर दिया है। यह डिग्री प्रोग्राम है, जिसे देश-दुनिया के किसी भी कोने से बैठकर किया जा सकता है। शुरुआत में आईआईटी भिलाई ने तीन कोर्स, अप्लाइड मैकाट्रॉनिक्स एण्ड रोबोटिक्स, डाटा साइंस और एडवांस ईवी सिस्टम की पेशकश की है। आने वाले दिनों में नए कोर्स लॉन्च करने की तैयारी है।
दो साल का कोर्स
इसके अलावा आईआईटी भिलाई जल्द ही ऐसे शॉर्टटर्म कोर्स भी लॉन्च करने वाला है, जो टेक्नोक्रेट्स को मौजूदा टेक्नोलॉजी के नए ट्रेंड सिखाएंगे। खास बात ये है कि तीनों ही कोर्स को वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिहाज से तैयार किया गया है। ऐसे में इन कोर्स में दाखिला लेने वाले अभ्यर्थियों को कम से कम मौजूदा इंडस्ट्री में दो साल का अनुभव अनिवार्य किया गया है। यह सभी कोर्स दो साल की अवधी के लिए डिजाइन किए गए हैं।
पढ़ाई चार सेमेस्टर में होगी
इन कोर्स में दाखिला लेने वाले अभ्यर्थियों की कक्षाएं वर्चुअल तरीके से लगेंगी। प्रोफेसर वर्चुअल इंस्ट्रक्टर बनकर पढ़ाएंगे। पढ़ाई चार सेमेस्टर में होगी। पढ़ाई ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों ही मोड में दी जा सकेंगी। अभ्यर्थी चाहे तो शुल्क का भुगतान चार किश्तों में कर सकता है। पूरा कोर्स 12 क्रेडिट प्वाइंट का डिजाइन किया गया है, जिसमें चार इलेक्टिव सब्जेक्ट्स भी चुन सकेंगे।
वहीं प्रोजेक्ट सब्मिशन पर 8 क्रेडिट प्वाइंट मिलेंगे। इस तरह अलग-अलग विषयों को मिलाकर कुल 36 क्रेडिट प्वाइंट का सिलेबस होगा। इन प्रोग्राम में दाखिले लेने वाले अभ्यर्थियों को कोर्स अधिकतम 6 सेमेस्टर या तीन साल में कंपलीट करना अनिवार्य होगा।
कौन ले सकता है दाखिला
इन तीनों ई-लर्निंग कोर्स में एडमिशन के लिए गेट स्कोर की जरूरत नहीं है। अभ्यर्थी के पास बीटेक, एमटेक, एमएससी या एमसीए जैसी ग्रेजुएशन डिग्री होना जरूरी है। अभ्यर्थियों के आवेदन जमा होने के बाद स्क्रूटनी होगी। चयनित अभ्यर्थियों को काउंसलिंग राउंड से होकर गुजरना होगा। सभी प्रक्रिया ऑनलाइन कराई जाएगी। इन ई-लर्निंग कोर्स को कराने के लिए आईआईटी भिलाई ने एक थर्ड पार्टी एजेंसी को हायर किया है।
एजेंसी ने तैयार किया ई-लर्निंग सेटअप
वीडियो लेक्चर के साथ लाइव वर्चुअल इंस्ट्रक्टर की फेसेलिटी देने निजी एजेंसी ने विशेष सॉफ्टवेयर सेटअप तैयार किया है। इसके माध्यम से ही अभ्यर्थियों की कक्षाओं का संचालन होगा। इसके अलावा फीस आदि के मुद्दे में भी एजेंसी की जिम्मेदारी होगी। वर्किंग प्रोफेशनल्स के अलावा फ्रेश डिग्री होल्डर प्रवेश पा सकेंगे। कोर्स कंपलीट होने के बाद सभी औपचारिक्ताओं को पूरा कर चुके छात्रों को उनकी ई-मास्टर्स डिग्री आईआईटी भिलाई देगा। यह डिग्री देश-दुनिया में हर जगह मान्य होगी।
वर्चुअल इंस्ट्रक्टर लगाएंगे कक्षाएं
दूर-दराज के ऐसे छात्र जो वर्किंग प्रोफेशनल हैं और आईआईटी भिलाई से मास्टर्स करना चाहते हैं, उनको ई-मास्टर्स डिग्री कोर्स की सौगात दी गई है। इसकी फीस भी बेहद कम है। प्रो. राजीव प्रकाशडायरेक्टर, आईआईटी भिलाई