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नारी शक्ति: घुटनों के दर्द से छुटकारा पाने पहुंची जीम, जीते 70 गोल्ड मेडल

मनेंद्रगढ़ की वेटलिटर 66 साल की कमलादेवी मंगतानी 6 साल पहले घुटनों के दर्द से परेशान थी। डॉक्टर से इलाज के बाद भी आराम नहीं मिला तो कमला ने जिम ज्वॉइन किया। रोजाना अभ्यास और मेहनत को देख जिम कोच अमित टोप्पो ने साल 2018 में मनेंद्रगढ़ में जिला स्तरीय पावर लिटिंग कॉपीटिशन में हिस्सा लेने प्रोत्साहित किया। कमला ने अपने पहले ही गेम में गोल्ड मेडल जीता फिर उनके कदम नहीं रुके और महज 6 साल में उन्होंने स्टेट, नेशनल और इंटरनेशनल वेटलिटिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेकर 80 गोल्ड मेडल अपने नाम किए।

तीन साल पहले काठमांडू में जीता था गोल्ड

वेटलिटर कमलादेवी ने बताया कि तीन साल पहले 2021 में इंटरनेशनल लेवल पर वेटलिटिंग में नेपाल काठमांडू में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। वहीं 30 अगस्त को इंटरनेशनल पावर लिटिंग खेल में हिस्सा लेने काठमांडू जाएंगी। नेपाल के सोनाली बॉर्डर में इंटरनेशनल टूर्नामेंट होना है। जो 4 सितंबर तक चलेगा।

एक्सरसाइज ही मेरा इलाज

गोल्डन दादी, कमलादेवी कहती हैं कि अब एक्सीडेंट होने पर जिम में पैर की चोट को एक्सरसाइज से ठीक कर लेती हूं। पिछले दो-तीन साल में मेरा दो बार एक्सीडेंट हो चुका है। उन्होंने बताया कि कई साल तक शुगर-बीपी, घुटने के दर्द से परेशान थी। कई जगह इलाज कराया लेकिन ठीक नहीं हुईं। डॉक्टर ने पैदल चलने की सलाह दी थी। फिर भी कोई आराम नहीं मिला। फिर धीरे-धीरे जिम जाना शुरू किया। रोजाना अभ्यास और मेहनत को देख जिम कोच अमित टोप्पो ने वेटलिटिंग की ट्रेनिंग देना शुरू किया।

इन जगहों पर खेल चुकी हैं

गोल्डन दादी टाटानगर, गुवाहाटी, कोलकाता, रायपुर, बिलासपुर, उज्जैन, कश्मीर, मुंबई, गोवा सहित अन्य जगहों पर वेटलिटिंग में हिस्सा लेकर गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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