Advertisement Here

महिलाओं के खिलाफ अपराध माफी के लायक नहीं: पीएम मोदी

कोलकाता में महिला डॉक्टर से रेप के बाद हत्या और बदलापुर में दो बच्चियों के यौन शोषण के मामलों को लेकर देशभर में मचे बवाल के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध अक्षम्य पाप है। दोषी कोई भी हो, बचना नहीं चाहिए। उसकी किसी भी रूप में मदद करने वाले भी नहीं बचने चाहिए। उन्होंने कहा कि अस्पताल हो, स्कूल, दफ्तर या पुलिस व्यवस्था, जिस भी स्तर पर लापरवाही होती है, सबका हिसाब होना चाहिए। मोदी जलगांव में लखपति दीदी सम्मेलन के दौरान जनसभा को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने स्व-सहायता समूहों को पांच हजार करोड़ रुपए का लोन जारी किया। इसके अलावा 11 लाख लखपति दीदियों को सर्टिफिकेट दिए। उन्होंने महिला सुरक्षा के मुद्दे पर कहा कि आज देश का हर राज्य अपनी बेटियों की पीड़ा और गुस्से को समझ रहा है। हमारी सरकार बेटियों के लिए हर सेक्टर खोल रही है, जहां कभी उन पर पाबंदियां थीं। आज तीनों सेनाओं में महिला अफसर तैनात हो रही हैं, फाइटर पायलट तैनात हो रही हैं।

गांव में कृषि और डेयरी सेक्टर से लेकर स्टार्टअप क्रांति तक, बड़ी संख्या में बेटियां बिजनेस मैनेज कर रही हैं। उन्होंने कहा, हमारी सरकार ने तय किया कि जो गरीबों के घर सरकार बनाती है, महिलाओं के नाम पर रजिस्टर्ड हों। अब तक बने चार करोड़ घर अधिकतर महिलाओं के नाम पर हैं। हम तीन करोड़ और घर बनाने वाले हैं। इनमें से अधिकतर माताओं-बहनों के नाम पर होंगे।

विपक्ष पर निशाना

मोदी ने विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, मैं चुनौती देता हूं कि पहले की सरकारों के 7 दशक एक तरफ व दूसरे तराजू में मोदी सरकार के 10 साल रख लीजिए। मोदी सरकार ने जितना काम देश की बहन-बेटियों के लिए किया है, आजादी के बाद किसी सरकार ने नहीं किया। मोदी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान मैंने वादा किया था कि हमें तीन करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाना है। पिछले 10 साल में एक करोड़ लखपति दीदी बनीं। यह महाभियान गांव के पूरे अर्थतंत्र को बदल रहा है।

नवाचार किए जाएं नए भारत के लिए

जोधपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार शाम जोधपुर पहुंचे। राजस्थान हाईकोर्ट के प्लेटेनियम जुबली समारोह में उन्होंने भारतीय न्याय संहिता की चर्चा करते हुए कहा कि देश ने गुलामी की मानसिकता से उबरते हुए आइपीसी की जगह इसे लागू कर दिया है। आज देश के सपने बड़े हैं और देशवासियों की आकांक्षाएं भी। इसलिए जरूरी है कि हम नए भारत के हिसाब से नवाचार करें और व्यवस्थाओं को आधुनिक बनाएं। यह ’जस्टिस फॉर ऑल’ के लिए भी जरूरी है। उन्होंने अदालतों में तकनीक के इस्तेमाल का भी जिक्र किया।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
Back to top button