विज्ञान कहता है कि सोना कभी जलता नहीं, फिर सोने की लंका कैसे जली? जानिए क्या आया जवाब
Ramayan: हर किसी ने रामानंद सागर कृत रामायण देखी है। आज की पीढ़ी ने कोविड के दौरान दूरदर्शन में देखा होगा। बुधवार को डीडीयू ऑडिटोरियम में एनआईटी का इंडक्शन प्रोग्राम हुआ। जिसमें बेंगलूरु के यशोदीप देवधर ने वाल्मीकि रामायण पर चर्चा की।
Ramayan: विषय था- लाइफ ऑफ लेसन फ्रॉम रामायण। इस कार्यक्रम की खास बात यह रही कि जब क्वेश्चन-आंसर राउंड शुरू हुआ तो कई सवाल आए। यशोदीप ने सबके जवाब भी दिए लेकिन कार्यक्रम खत्म होने के बाद लगभग घंटेभर तक छात्रों ने उनसे इंट्रक्शन किया। यह सिलसिला तब तक चलता रहा जब तो यशोदीप अपनी कार में रवाना नहीं हुए।
वाल्मीकि रामायण के आधार पर यशोदीप ने दिए जवाब
छात्रों ने कई रोचक सवाल पूछे जिसका वाल्मीकि रामायण के आधार पर यशोदीप ने जवाब दिया। उनका कहना था कि हमने जो चीजें टीवी पर देखी हैं वह वाल्मिकी रामायण पर आधारित नहीं हैं। कार्यक्रम में एनआईटी बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष सुरेश हावरे और डायरेक्टर एनवी रमना राव समेत पूरा स्टाफ और बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे।
इंटरव्यू: एक किताब ने बदल दी दुनिया
खास बातचीत में यशोदीप ने बताया कि आईआईटी बॉम्बे और आईआईएम पासआउट के बाद 6 साल जॉब की और 12 साल तक बिजनेस किया। पिछले छह साल से वे वाल्मिकी रामायण पर रिसर्च कर रहे हैं। वे यूट्यूब चैनल 21 नोट्स के जरिए भी वाल्मीकि रामायण के प्रसंग पोस्ट करते हैं।
उन्हाेंने बताया कि माधवराव चितले की एक किताब जो वाल्मीकि रामायण पर आधारित थी। उसका संपादन मेरी मां ने किया था। इसलिए वह किताब मेरी नजर में आई और मैंने पढ़ ली। मुझे पता चला कि जिस रामायण के बारे में हम जानते हैं, वैसा तो उसमें कुछ भी नहीं है। इसलिए मैंने पूरी की पूरी वाल्मीकि रामायण पढ़ ली। अब मैं यूथ के बीच जाकर रामायण से जुड़ी बातें शेयर कर रहा हूं…
आप संस्कृत जानते हैं?
- मैं कई नेशनल इंस्टीटॺूट में लेक्चर देने जाता हूं, वहां देश के विभिन्न हिस्सों के विद्यार्थी आते हैं। इसलिए मुझे अंग्रेजी में बात रखनी पड़ती है। जरूरत पड़ने पर हिंदी और संस्कृत में भी चर्चा करनी होती है।
रामायण से आपमें बदलाव ?
- मैंने वाल्मीकि रामायण और इससे जुड़ी अन्य लेखकों की भी रामायण पढ़ी। कई प्रसंगों में अंतर पाया। अब चूंकि मेरा पूरा दिन रामायण पर रिसर्च या चर्चा पर ही जाता है, इसलिए मैं पूरी तरह सात्विक हो गया हूं। मेरे मन स्थिरता आ गई है। ऐसा लगता है कि मुझे स्वयं प्रभू राम ने इस काम के लिए चुना है।
महाभारत व अन्य ग्रंथों की जानकारी कब लाएंगे?
- वाल्मीकि रामायण पर ही 6 साल लग गए। महाभारत पर 30 साल लग सकते हैं। उतना टाइम भी मेरे पास नहीं रहेगा। इसलिए मैं चाहता हूं कि नई पीढ़ी इस काम को करे। मुझे अभी इसी पर काम करना है।
सवाल जो छात्रों ने पूछे
सवाल – अंगद अपनी पूछ से रावण से भी ऊंचा आसन बनाकर बैठ जाते हैं, ये कैसे हुआ?
जवाब – जब हम श्लोक में यह प्रसंग पढ़ते हैं तो अंगद का कॉन्फिडेंस नजर आता है। आप वीडियो में उसका कॉन्फिडेंस कैसे दिखाएंगे? इसलिए पूंछ को बड़ी कर रावण के इक्वल बिठाकर वह सीन दिखाया गया है।
सवाल – सीताजी के पास घास के तिनके कौन सी शक्तियां थीं?
जवाब – उनके पास किसी तरह की कोई शक्ति नहीं थीं और न ही कोई सुरक्षा। उन्हें तो यह भी नहीं पता था कि श्रीराम कहां हैं, बावजूद वे विचलित नहीं हुईं।
सवाल – साइंस के मुताबिक सोना एक ऐसा मेटल है जो नहीं जलता, फिर सोने की लंका कैसे जली?
जवाब – लंका पूरी सोने की नहीं बनी थी, उसमें सोने की परत थी। बाकी सब तो लकड़ी वगैरह लगे थे, इसलिए जलना स्वाभाविक था।
सवाल – शबरी ने जूठे बेर खिलाए थे या नहीं?
जवाब – वाल्मीकि रामायण में शबरी माता की कोई स्टोरी नहीं है। बाद में कुछ संतों ने भी इसे माना। हालांकि मैं इसे गलत नहीं मानता।