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रायपुर में चड्डी बनियान गिरोह एक्टिव, कॉलोनी में मचाया उत्पात, हरकत सीसीटीवी में कैद

रायपुर। एक बार फिर रायपुर में चड्डी बनियान गिरोह सकि्रय हो गया है 2 दिन पहले ही रिंग रोड़ 3 के पास की एक सोसायटी में लगे सीसीटीवी कैमरे में गैंग के 4 सदस्यों को रैकी करते हुए देखा गया। चड्डी-बनियान गैंग का गर्मियों में द्यादा आतंक रहता है। सीसीटीवी में चार लोग दिख रहे है जो अपने हाथों में चप्पल पकड़े हुए है और दूसरे हाथ में हथियार रखे है। दबे पैरों से रैकी करते हुए चल रहे हैं। गैंग के लोगों के दिखने से आउटर के इलाकों में खौफ बना हुआ है। पुलिस अभी गैंग के लोगों को पकड़ नहीं पाई हैं।

आपको याद होगा कि 90 के दशक में इस गिरोह का कितना आतंक हुआ करता था। एक बार फिर से राजधानी में गिरोह के लोगों की सकि्रयता देखी जा रही है। आपको बताते है कि इस गिरोह की असल कहानी क्या है कैसे यह गिरोह बना और किन राद्यों में इसकी दहशत द्यादा है।

चड्डी-बनियान गिरोह एक अंगठित गिरोह है कई सालों तक देश में आतंक फैलाने वाले इस गिरोह ने कई परिवारों को बर्बाद किया उनकी रोजी रोटी छीनी। इस गिरोह में गुजरात, राजस्थान और बिहार के लोग द्यादा है और इस गैंग के लोग शहर की आउटर की कॉलोनियों के घरों और सोसायटी को अपना निशाना बनाते है। यह गिरोह एक बार फिर एक्टिव हो चुका है। देश के अलग-अलग हिस्सों से इनके वारदात की खबरें आ रही हैं।

रात के अंधेरे में वो दबे पांव आ सकते हैं आपके घर, एक के पीछे एक करीब 5 से 10 लोग। उनके हाथ में डंडे, कुल्हाड़ी, चाकू या बंदूक कुछ भी हो सकती है। उनके शरीर में सिर्फ चड्डी और बनियान होगी, लेकिन चेहरा एक कपड़े से ढका हुआ होगा। शरीर के हर हिस्से में ढेर सारा तेल लगा हुआ होगा और फिर वो अंधेरे में ही आपके ऊपर वार कर सकते हैं, यहां तक की मौत भी दे सकते हैं। उनका मकसद है आपके घर का कीमती इस तरह करते है चोरी
छ्त्तीसगढ़ में चड्डी बनियान गिरोह कई सालों से सकि्रय है अभी तीन माह पहले ही गिरोह ने दुर्ग में एक्टिव हुआ था। राजधानी के आउटर में लगी कॉलोनियों को गैंग के लोग निशाना बनाते है।

मध्यप्रदेश में सामने आई हैं गैंग की तस्वीरें

मध्यप्रदेश के इंदौर में 6-7 घरों को इस गैंग के लोगों ने निशाना बनाया है। इनमें से एक रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर रेणु पंत का घर भी है। जहां इस गैंग के लोग रविवार की रात घुसे। पूरे परिवार को बंधक बनाया और घर से सारा सोना-चांदी, फॉरेन करंसी, सोने के मेडल और दूसरा कीमती सामान लूटकर ले गए। बाद में सीसीटीवी फुटेज की को खंगाला गया तो सामने आई चड्डी बनियान गिरोह की तस्वीरें। कुछ दिन पहले ही इस गिरोह ने इंदौर हाइवे के पास बने कुछ घरों को अपना निशाना बनाया था।

उत्तर प्रदेश में भी गिरफ्तार हुए 13 लोग

इसके पहले जून महीने में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में इस गिरोह के 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इन्होंने आसपास के इलाके में डकैती की थी। इनके पास से पुलिस को 8 लाख रुपये के गहने, एक लाख रुपये कैश और एक चाकू बरामद हुआ था। पिछले कुछ सालों में ये गैंग पूरी तरह से खत्म हो चुका था, लेकिन अब एक बार फिर इस गैंग के लोग डकैतियों को अंजाम दे रहे हैं।

कैसे बना ये गैंग?

सबसे पहले जान लीजिए ये गैंग कैसे बना। ये कोई संगठित गैंग नहीं है, लेकिन अलग-अलग राज्यों के कुछ लोग एक ही अंदाज में चोरी, डकैतियों के अंजाम देते चले गए। इसमें गुजरात, राजस्थान और बिहार के ज्यादा लोग शामिल रहे हैं। इस गैंग के ज्यादातर लोग आदिवासी थे। उस दौर में हाईवे के आसपास कम कॉलोनियां हुआ करतीं थी जो कि शहरों से थोड़ा दूर होती थी। पैसे की कमी की वजह से इन्होंने ऐसे घरों में लूटपाट शुरू की।

क्यों पड़ा कच्छा-बनियान गैंग नाम?

ये लोग सिर्फ चड्डी-बनियान पहनकर चोरी-डकैती को अंजाम देते थे और इसकी दो वजह थीं। एक तो ये ज्यादातर आदिवासी लोग थे जिनके पहनावा ही कुछ इस तरह का होता था। दूसरा चड्डी बनियान पहनकर इन्हें अपनी पहचान छुपाना आसान रहता था। ये अपने काम पर निकलने से पहले पूरे शरीर में तेल लगाते थे, ताकि अगर ऐसे हालात बने तो ये भाग सकें और किसी की पकड़ में ना आएं। चेहरे को ये कपड़े या मास्क से ढक लेते हैं। सारे एक ही तरह के कच्छा-बनियान में होने की वजह से इनको पहचानना पुलिस के लिए भी मुश्किल हो जाता है।

क्या है इस गैंग के काम करने का तरीका?

इस गैंग के लोग सुबह-सुबह अपने गांव से निकल आते हैं और शहरों में बस अड्डे के आसपास इकट्ठा हो जाते हैं। दिन भर मजदूर या भिखारी बनकर ये ये उन घरों के आसपास घूमते रहते और रेकी करते हैं।

हाइलाइट्स

रिंग रोड 3 की सोसायटी के पास देखा गया चड्डी बनियान गिरोह
90 के दशक में देश में फैलाई थी इस गैंग ने दहशत
घरों को लूटकर कई लोगों को दी थी खौफनाक मौत
3 माह पहले ही दुर्ग में दबोचे गए थे गैंग के लोग

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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