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वात्सल्य योजना की शुरुआत, पैरेंट्स बच्चों के लिए खोल सकेंगे पेंशन खाते

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘एनपीएस वात्सल्य’ योजना की शुरुआत की, जिसमें माता-पिता को पेंशन खाते में निवेश कर अपने बच्चों के भविष्य के लिए बचत करने की सुविधा दी गई है। माता-पिता ऑनलाइन या बैंक या डाकघर जाकर एनपीएस वात्सल्य योजना का हिस्सा बन सकते हैं। योजना के तहत सालाना आधार पर 1000 रु. से निवेश शुरू किया जा सकता है। अधिकतम की लिमिट नहीं है। खाते पर चक्रवृद्धि ब्याज मिलेगा।

रिटायरमेंट फंड बनाने में मदद करती है एनपीएस: रेगुलर एनपीएस स्कीम रिटायरमेंट फंड बनाने में मदद करती है। ज्यादा रिटर्न के लिए एनपीएस कॉन्ट्रीब्यूशन को स्टॉक और बॉन्ड जैसे बाजार से जुड़े इंस्ट्रूमेंट में इन्वेस्ट किया जाता है।

नाबालिग बच्चों के जन्मदिन पर एनपीएस वात्सल्य में निवेश करना चाहिए: सीतारमण निर्मला सीतारमण ने वात्सल्य स्कीम के लॉन्च के मौके पर कहा कि माता-पिता और अभिभावकों को अपने नाबालिग बच्चों के जन्मदिन और अन्य अवसरों पर वात्सल्य में निवेश करने पर विचार करना चाहिए।

1.86 करोड़ ग्राहक जुड़े

पिछले 10 वर्षों में एनपीएस के 1.86 करोड़ ग्राहक हो चुके हैं और प्रबंधन-अधीन परिसंपत्तियां (एयूएल) 13 लाख करोड़ रुपए है। एनपीएस वात्सल्य योजना पहले से ही चली आ रही एनपीएस योजना का बच्चों तक किया गया विस्तार है। इसमें 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों का खाता खोला जा सकता है जो उनके 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर अपने-आप नियमित एनपीएस खाते में परिवर्तित हो जाएगा।

प्रतिस्पर्धी रिटर्न दिया

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) खातों से निकासी के दिशानिर्देशों को अभी अंतिम रूप दिया जा रहा है। सीतारमण ने यहां एक कार्यक्रम में एनपीएस वात्सल्य योजना को शुरू करते हुए कहा कि इस पेंशन व्यवस्था ने बहुत प्रतिस्पर्धी रिटर्न दिया है और यह भविष्य की आय सुनिश्चित करते हुए लोगों को बचत का विकल्प मुहैया कराती है।

10,000 की एसआईपी में 63 लाख का फंड बनेगा…सभी माता-पिता या गार्जियन, चाहे भारतीय नागरिक हों, एआरआई हो, अपने नाबालिग बच्चों के लिए ‘एनपीएस वात्सल्य’ अकाउंट खोल सकते हैं। मान लीजिए कि आपका बच्चा 3 साल का है। इस स्कीम में अगर आप 10,000 रुपए की एसआईपी करते हैं तो बच्चे के 18 साल का होने पर करीब 63 लाख रुपए का फंड जमा हो सकता है।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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