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Food Wasting Awareness Day: बच्चों को दें ऐसे संस्कार ताकि अन्न न हो बर्बाद

रात के बचे हुए लेफ्ट ओवर फूड को फेंकने के बजाए, उसे फिर से टेस्टी डिेशेज बनाकर खाने के काम में लिया जा सकता है।

शास्त्रों में अन्न को देवता तुल्य स्थान दिया गया है। एक तरफ जहां शादी समारोह में भोजन की बर्बादी अधिकतर देखी जाती है तो वहीं दूसरी तरफ कई लोग भोजन के एक-एक निवाले के लिए जद्दोजहद करते हुए दिखाई देते हैं। जिन्दगी के इन दोनों पहलुओं को देखते हुए हमें भोजन की बर्बादी रोकने के प्रयास करने होंगे। आइडीएएफएलडब्ल्यू ने सार्वजनिक और निजी संस्थाओं के साथ-साथ उपभोक्ताओं से भोजन की हानि और बर्बादी को कम करने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया है। भले ही यह गुजारिश किसी संस्था की तरफ से की गई हैं, लेकिन भोजन की बर्बादी रोकने की शुरुआत हमें अपने घर से ही करनी होगी। इसकी पहल महिलाओं द्वारा ही की जा सकती है। महिलाएं अपने बच्चों को सिखाएं कि अन्न का महत्त्व क्या है और इसे बर्बाद करने से कैसे रोका जा सकता है?

सामान उतना ही खरीदें, जितनी जरूरत हो

प्लेट में खाना झूठा छोड़ना या डिस्टबिन में भोजन को फेंक देना तो आपने देखा है, लेकिन कई बार हम अनजाने में भी फूड वेस्टिंग करने वालों की श्रेणी में शामिल हो जाते हैं। इसके लिए हमें कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।

ग्रॉसरी का सामान खरीदते समय हम ऑफर के चलते अतिरिक्त सामान खरीद लेते हैं। फिर वो सामान पूरी तरह से काम नहीं आता और फिर उसे फेंकना पड़ जाता है। इससे फूड वेस्ट होता है।

खाने-पीने का सामान खरीदते समय कई बार महिलाएं एक्सपायरी डेट चेक नहीं करती और सामान पूरा काम नहीं आता और एक्सपायरी डेट के कारण उसे फेंकना पड़ जाता है।

फूड बैंक बनाएं, फूड वेस्टिंग रोकें
भोजन की बर्बादी रोकने के लिए लोगों को फूड बैंक स्थापित करने की पहल करनी चाहिए। इसके लिए कोई एक ऐसा स्थान निर्धारित किया जाना चाहिए, जिसमें शादी-समारोह में बचा हुआ खाना दिया जा सकें और वहां से जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाया जा सकें। इसके लिए लोगों को भी जागरूक करना होगा। बच्चों को सिखाएं कुछ आदतें

बच्चों को सिखाएं की खाना उतना ही लें, जितनी भूख हो।

स्वाद के चक्कर में अनावश्यक खाना लेने से बचें।

प्लेट में झूठा खाना नहीं छोड़ना चाहिए। साथ ही अगर बच्चे किसी को ऐसा करते देखें तो उन्हें खाने की बर्बादी रोकने के लिए कहें।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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