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Good News: ऐसे बच्चों को मिलेगा चार हजार रुपए महीना, जानिए क्या नियम

प्रवर्तकता और मिशन वात्सल्य कार्यक्रम के तहत 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को चार हजार रुपए महीना देने की तैयारी है। इसके तहत प्रवर्तकता के लिए पात्र बच्चों की शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए यह वित्तीय सहायता दी जाएगी।

प्रवर्तकता की निवारक और पुनर्वास 02 श्रेणियां है। निवारक श्रेणी में जैविक परिवार में निवासरत बालकों को परिवार में बने रहने, शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है, ताकि वे बेघर, बालश्रम, बाल विवाह, पलायन इत्यादि के लिए मजबूर न हो। जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा ऐसे परिवारों या बच्चों का चिन्हांकन सामाजिक कार्यकर्ता, आऊटरीच वर्कर, स्वयं सेवकों, वार्ड समिति या ग्राम पंचायत की मदद से किया जाता है।

ये होनी चाहिए वार्षिक आय

प्रवर्तकता के तहत आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए परिवार की वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 72 हजार रुपए प्रतिवर्ष और अन्य क्षेत्रों के लिए 96 हजार रुपए प्रतिवर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।

ऐसे होगा चयन

प्रवर्तकता के लिए पात्र बच्चों का चिन्हांकन जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा किया जाता है। साथ ही चाइल्ड हेल्पलाइन (1098), जिला बाल संरक्षण ईकाई के अधिकारी, क्षेत्रीय बाल संरक्षण समितियों अथवा किसी प्रबुद्ध नागरिक द्वारा भी बालकों का चिन्हांकन किया जा सकता है।

जिला मजिस्ट्रेट से मिलती है अनुमति

प्रवर्तकता प्रकरण प्राप्त होने अथवा जरूरतमंद बालक या परिवार का आवेदन प्राप्त होने पर मिशन वात्सल्य योजना के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन कर जिला मजिस्ट्रेट द्वारा प्रवर्तकता की स्वीकृति दी जाती है। इसके बाद बाल कल्याण समिति द्वारा स्थापन आदेश जारी किया जाता है। बाल कल्याण समिति के स्थापन आदेश उपरांत बालक के नाम पर बैंक खाता खोला जाता है।

पुनर्वास श्रेणी के तहत जो परिवार के आर्थिक अभाव के कारण मिशन वात्सल्य के तहत संचालित बाल देखरेख संस्थाओं में निवासरत है, उन्हें यह सहायता दी जाती है। निवारक प्रवर्तकता के तहत समुदाय में निवासरत ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है तथा विस्तारित परिवार की देखरेख में रहते हैं। एकल माता-पिता के बच्चे, विशेषकर विधवा या तलाकशुदा या परिवार द्वारा परित्यक्त माता के बच्चे।

माता-पिता द्वारा परित्यक्त बच्चे, जो विस्तारित परिवार की देखरेख में रहते है। ऐसे बच्चे, जिनके माता-पिता जेल में हो। ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता अक्षम या बच्चों की देखभाल करने में आर्थिक और शारीरिक रूप से असमर्थ हो। ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता गंभीर बीमारी से पीड़ित है। इसके अलावा प्राकृतिक आपदा के शिकार, बालश्रम, बाल विवाह के शिकार, अवैध मानव परिवहन किए गए बच्चे, एचआईवी, एड्स प्रभावित बच्चे, नि:शक्त बच्चे, गुमशुदा या भागे हुए बच्चे, बाल भिक्षुक या सड़क पर रहने वाले बच्चे, प्रताडित या शोषण किए गए बच्चे। पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के हितग्राही बच्चे इन सभी श्रेणी के बच्चे 4 हजार रुपए प्रति माह आर्थिक सहायता प्राप्त करने के पात्र है।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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