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CG News: मेडिसिन विभाग के जूनियर डॉक्टरों का कार्डियोलॉजी में ड्यूटी करने से इनकार

पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में कार्डियोलॉजी के एचओडी द्वारा मेडिसिन विभाग के जूनियर डॉक्टर (पीजी छात्र) से कथित गाली गलौज व कॉलर पकड़ने के बाद माहौल गरमा गया है। मेडिसिन के जूनियर डॉक्टरों ने कार्डियोलॉजी विभाग में ड्यूटी करने से ही मना कर दिया है। इसी बीच मेडिसिन के एचओडी ने डीन को इस बात से अवगत करा दिया है और उनसे मार्गदर्शन मांगा है। जूनियर डॉक्टरों ने जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन में लिखे पत्र में कार्डियोलॉजी विभाग के माहौल को जहरीला तक कह दिया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वहां पीजी छात्रों के साथ क्या व्यवहार किया जाता होगा?

कार्डियोलॉजी विभाग में जूडो के साथ गाली गलौज या दुर्व्यवहार का मामला पहली घटना नहीं है। पत्रिका की पड़ताल में पता चला है कि ऐसा पहले भी हुआ है। ऐसे मामले डीन तक भी पहुंचे हैं, लेकिन स्थिति जस की तस है। इतने बड़े 150 पीजी सीट वाले मेडिकल कॉलेज में केवल कार्डियोलॉजी विभाग में ही इस तरह की घटना क्यों हो रही है? ये जांच का विषय हो सकता है। 4 अक्टूबर को मेडिसिन की एचओडी डॉ. देवप्रिया लकड़ा ने डीन को पत्र लिखकर कहा है कि कार्डियोलॉजी विभाग में बार-बार होने वाली ऐसी घटनाओं पर जूडो ने चिंता जताई है। वे कार्डियोलॉजी विभाग में पोस्टिंग से परहेज करने की इच्छा जताई है। वर्तमान में मेडिसिन के जूडो कार्डियोलॉजी के अलावा न्यूरोलॉजी व नेफ्रोलॉजी विभाग में तैनात हैं। रोस्टर के अनुसार ड्यूटी लगाई जाती है। आप इस पर मार्गदर्शन करें। ये पत्र पत्रिका के पास है।

ये था मामला

पीजी छात्र डॉ. सार्थक पाटिल के पिता डॉ. प्रशांत पाटिल के डीन को दिए पत्र के अनुसार घटना 1 अक्टूबर की है। आरोप है कि कार्डियोलॉजी के एचओडी डॉ. स्मित श्रीवास्तव ने कथित रूप से छात्र के साथ गाली गलौज की और कॉलर तक पकड़ ली। असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. कुणाल ओस्तवाल पर भी छात्र से दुर्व्यंहार का आरोप है।

कार्डियोलॉजी विभाग ने कहा- बिना सूचना के अनुपस्थित हैं जूडो

घटना के बाद छात्र बेहोश हो गया और जूनियर रेसीडेंट डॉक्टरों ने सार्थक का इलाज किया। बता दें कि जूनियर डॉक्टर के पिता सरकारी मेडिकल कॉलेज नागपुर में मेडिसिन विभाग के एचओडी हैं। अगर एक डॉक्टर कार्डियोलॉजिस्ट के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है तो घटना की गंभीरता को समझा जा सकता है। इस मामले में पत्रिका ने डॉ. स्मित से पक्ष जानने का प्रयास किया, लेकिन वे कॉल रिसीव नहीं किए। वाट्सऐप पर शॉर्ट में रिप्लाई किए, जिसे समझना आसान नहीं है।

जूडो एसोसिएशन को लिखे पत्र की मुख्य बातें
कार्डियोलॉजी विभाग में काम करने का माहौल अमानवीय व बेहद जहरीला है।

मेडिसिन के जूडो को मानसिक रूप से परेशानकिया गया है।

पोस्टिंग में कई साथियों पर शारीरिक हमला भी किया गया है।

ऐसी घटना के बाद भी कार्डियोलॉजी में पोस्टिंग का दबाव बनाया जा रहा है।

छात्रों की शिकायत के बाद कार्डियोलॉजी विभाग भी हरकत में आ गया। 4 अक्टूबर को ही जहां मेडिसिन की एचओडी ने पत्र लिखा। इसी दिन कार्डियोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. स्मित ने डीन को पत्र लिखकर कहा है कि दो छात्र डॉ. सार्थक व डॉ. साजिद 3 अक्टूबर से बिना किसी सूचना के अनुपस्थित है। विभाग में 33 मरीज भर्ती हैं। ओपीडी 100 मरीजों की रही। इससे काम प्रभावित हो रहा है। पत्र में कहा है कि तत्काल आवश्यक कार्रवाई कर नई पोस्टिंग की कार्रवाई करने का कष्ट करें। गौरतलब है कि कार्डियोलॉजी की ओपीडी में जूडो यानी पीजी छात्र ही मरीजों का इलाज करते हैं। तीन कंसल्टेंट ओपीडी में कभी नजर नहीं आते। वे कैथलैब में व्यस्त रहते हैं।

सोशल मीडिया पर भी चर्चा गर्म
पत्रिका की खबर शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा- सिस्टम क्रैश्ड।

दिल्ली के एक यूजर ने लिखा- कार्डियोलॉजी में इतनी टॉक्सिसिटी।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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