Nari Shakti: लय-ताल से लेकर शह-मात तक बेटियाें ने फहराया परचम
आज महिलाएं देशभर में अपना परचम लहरा रही हैं। हम अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस और दुर्गाष्टमी एक साथ मना रहे हैं। इस मौके पर हम मिलवाते हैं आपको देशभर की ऐसी बालिकाओं से जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में एक मुकाम हासिल करते हुए देश का नाम रोशन किया है।
नन्ही कथा वाचक अनुष्का
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर की रहने वाली 8 वर्षीय अनुष्का पाठक देश की सबसे छोटी कथा वाचक हैं। देशभर में कथा कर चुकी इस नन्ही कथा वाचक को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के हाथों मिल चुका है। चार साल की उम्र से कथा वाचन कर रही अनुष्का की बोलने की शैली लोगाें को मंत्रमुग्ध कर देती है। धर्म और अध्यात्म के अलावा गणित, विज्ञान, कम्प्यूटर और खेलों में भी रुचि है।
अपनी पेंशन करती हैं दान
अपनी पेंशन को विकलांग लोगों के नाम दान करने वाली हेत्वी उन लोगों के लिए एक मिसाल हैं, जो सब कुछ होते हुए भी दान नहीं करते। वडोदरा, गुजरात की रहने वाली हेत्वी कांतिभाई खिंवसुरिया सेरेबल पॉल्सी का शिकार हैं। 13 वर्षीय हेत्वी ने एक प्रतियोगिता के दौरान 250 पेंटिंग्स पूरी कर इंडिया बुक ऑफ रेकॉर्ड में नाम दर्ज करवाया। वह अपनी मासिक पेंशन विकलांग बच्चों की सहायता के लिए दान करती हैं। हेत्वी अपने यू-ट्यूब चैनल के कारण भी काफी प्रसिद्ध हैं।
9 वर्ष की उम्र में चलाती हैं पाठशाला
नारनौल, हरियाणा की रहने वाली 9 वर्षीय गरिमा देख नहीं सकतीं, लेकिन उनके जज्बे में कोई कमी नहीं है। उन्होंने महज 9 साल की उम्र में बच्चों के लिए साक्षर पाठशाला खोली है। जिसमें वह गरीब बच्चों को पढ़ाती हैं। इसी के साथ वह कम्प्यूटर चलाने में भी पारंगत हैं। गरिमा ने पिता की प्रेरणा से पांच साल में करीब 1000 गरीब बच्चों को पाठ्य सामग्री उपलब्ध करवाई है।
नृत्य से फैलाती हैं सांस्कृतिक जागरूकता
नृत्य के माध्यम से सांस्कृतिक जागरूकता फैलाने का सपना देखती हैं तेलंगाना की 14 वर्षीय पेंडल्या लक्ष्मीप्रिया। शास्त्री नृत्यश्रेणी कला में निपुण लक्ष्मीप्रिया कुचिपुड़ी नृत्यांगना हैं। उन्हें राष्ट्रीय उत्सव पुरस्कार 2023 और लास्याप्रिया जैसे सम्मान मिल चुके हैं। कुचिपुड़ी नृत्य की विविधता गुरूजनों से सीखने वाली लक्ष्मी ने कई मंचों पर अपनी कला का प्रदर्शन किया है।
पहले खुद का रुकवाया, अब रोक रही हैं दूसरों के बाल विवाह
त्रिपुरा की 15 वर्षीय ज्योत्सना ने बाल विवाह रोकने के लिए अपने ही घरवालों के खिलाफ आवाज उठाई और अपना बाल विवाह रुकवाया। इसके साथ उन्होंने अन्य 6 बाल विवाह होने से राके। अब इस लड़ाई को जारी रखते हुए वह दक्षिण त्रिपुरा जिला मजिस्ट्रेट द्वारा गठित बालिका मंच के लिए फ्रंटलाइन कार्यकर्ता हैं।
एग्रो व्हीकल से किसानों की मुश्किल की हल
जिस उम्र में बच्चे अपने सपनों में खोए रहते हैं, वहीं दिल्ली की सुहानी किसानों की समस्या हल करने में लगी हुई हैं। 16 वर्षीय सुहानी चौहान ने सौर ऊर्जा से संचालित एक कृषि वाहन विकसित किया है। सोलर एनर्जी से चलने वाले इस एग्रो व्हीकल का इस्तेमाल चारा काटने की मशीन, पंखा, लाइट और मोबाइल चार्जिंग में किया जा सकता है। रिसर्च में रूचि ने उन्हें इसके लिए प्रेरित किया।
पदक जीत देश का नाम किया रोशन, बनीं चैम्पियन
कर्नाटक की चार्वी ए को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया। 9 वर्षीय चार्वी ने 2022 में बटुमी, जॉर्जिया में आयोजित अंडर 8 विश्व शतरंज चैम्पियनशिप जीती थीं। चार्वी के पास वर्तमान में अंडर-11 वर्ग में विश्व शतरंज महासंघ फेडरेशन इंटरनेशनेल डेस एचेक्स में 1,915 रैंक है। उन्होंने वुमन कैंडिडेट मास्टर शीर्षक के तहत महिला वर्ग में विश्व नंबर एक का खिताब भी हासिल किया।
हारना नहीं सीखा
गोरखपुर की 12 वर्षीय आदित्या यादव ने दिव्यांग होने के बावजूद हारना नहीं सिखा। 2022 में उन्होंने ब्राजिल डेफ ओलम्पिक में गोल्ड जीता एशिया पैसेफिक डेफ यूथ बैडमिंटन चैंपियनशिप के अंडर 21 गर्ल डबल्स में गोल्ड, सिंगल में सिल्वर और मिक्स डबल में ब्रांच मेडल जीते। एशिया पैसेफिक डेफ यूथ बैडमिंटन चैंपियनशिप वुमेंस डबल में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं।