Advertisement Here

Internationalgirl’s day: भरथरी और पंडवानी में नाम रोशन कर रही हैं सिटी गर्ल्स

टी हुसैन. भरथरी और पंडवानी ऐसी विधा है जिसमें गिनती के कलाकारों ने नाम रोशन किया है। अब इस विरासत को आगे बढ़ाने के लिए नई पीढ़ी ने कदम बढ़ा लिए हैं। इसके लिए उनके माता-पिता और शिक्षकों की अहम भूमिका रही क्योंकि उन्होंने बच्चों की रुचि को समझा और उसी दिशा में आगे बढ़ाया। इसमें लॉ की छात्रा कर्णिका साहू, केंद्रीय विद्यालय में कक्षा छठवीं की छात्रा आराध्या साहू और खैरागढ़ संगीत विवि से एमए कर रही दुर्गा साहू शामिल हैं। विश्व बालिका दिवस पर बातचीत में उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य की पहचान वहां की लोकगाथाओं से होती है, हम इसे आगे बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं।

पंडवानी की तर्ज पर शासकीय योजनाओं की जानकारी

दुर्गा साहू ने बताया, मैं साल 2015 से कापालिक शैली में पंडवानी गा रही हूं। अब तक 500 से ज्यादा मंचीय कार्यक्रम दे चुकी हूं। इन दिनों मैं खैरागढ़ विवि से संगीत में एमए और रायपुर से सुगम संगीत की शिक्षा हासिल कर रही हूं। मुझे पंडवानी की प्रेरणा तीजनबाई से मिली और निर्मल साहू मेरे गुरु हैं। मैंने गायन की शुरुआत अपने ही गांव से की है। इसके बाद सरकारी महोत्सव में प्रस्तुति दी। शासन की योजनाओं को पंडवानी की तर्ज पर प्रस्तुति देती हूं।

यूटॺूब पर तीजनबाई के वीडियोज देखा करती थी, वहीं से सीखा

केवी में छठवीं की छात्रा आराध्या साहू जब 3 साल की थी तबसे हाथ में मंजीरा और तंबूरा लेकर पंडवानी गाने लगती थी। आराध्या कहती हैं, मैंने अब तक लगभग 150 मंचीय कार्यक्रम प्रस्तुत किए हैं। मैंने यूट्यूब पर पद्मविभूषण तीजनबाई को देखकर गाने लगी थी। मैं दादी से कहानियां सुनती थीं। वे कृष्ण की बाल लीलाएं सुनाया करती थीं। तबसे मुझे पौराणिक कथाओं को सुनने की जिज्ञासा बढ़ी। जैसे-जैसे मुझे मंच मिलते गए, मेरा आत्मविश्वास बढ़ता गया।

भरथरी गायिका सुरुजबाई खांडे को आदर्श मानती हूं

कर्णिका साहू निजि विवि में वकालत की छात्रा हैं। वे लोकगीत भरथरी को बढ़ावा दे रही हैं। वह बताती हैं, जब मैं स्कूल में थी तब टीचर ने सलाह दी कि छत्तीसगढ़ी लोकगीत के क्षेत्र में कुछ करो। तब मैंने भरथरी गाना शुरू किया। मेरी मां गाती हैं, गाने की प्रेरणा मुझे वहीं से मिली। मैं भरथरी की गायिका सुरुजबाई खांडे को अपना आदर्श मानती हूं। खास बात यह कि भरथरी में वेस्टर्न म्यूजिक का फ्यूजन रहता है। अनुराग सर मुझे काफी गाइड कर रहे हैं। कानून के साथ मुझे भरथरी में रुचि है।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
Back to top button