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She News: घूंघट छोड़ रोजगार की राह पर पार्वती ने बनाई नई पहचान, सालाना हो रही लाखों में कमाई

कभी घूंघट से बाहर तक न देखने वाली अजमेर की पार्वती आज देश भर में अपनी स्पेशल जूतियों के लिए जानी जाती हैं। राजस्थानी और जोधपुरी जूतियों के साथ-साथ पार्वती कई तरह की ट्रेडिशनल जूतियां बनाकर महिलाओं को रोजगार का जरिया मुहैया करवा रही हैं। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में वह अपनी जूतियों की प्रदर्शनी लगा चुकी हैं। उन्हाेंने बताया कि करीब 10 साल पहले एक लाइव डेमो में उन्होंने अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए ढाई फीट की राजस्थानी जूती बनाकर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया था। इसके लिए उन्हें काफी सराहना भी मिली थी।

वेस्ट से बनाते हैं पर्स और बेल्ट

पार्वती कहती हैं कि जब काम शुरू किया था तो केवल मैं अकेली ही दिन-रात जूतियां बनाती और फिर बाजार में बेच कर आती थी। धीरे-धीरे महिलाएं मुझसे जुड़ी और फिर मैंने एक कारखाना स्थापित किया। जिसमें वर्तमान में प्रतिदिन 35-40 महिलाएं काम करती हैं। वह कहती हैं कि जूतियां और चप्पलें बनाने के बाद चमड़े की कतरन और वेस्ट बच जाता है। उसे यहां-वहां फेंकने की बजाए उससे पर्स और बेल्ट बनाने का काम करते हैं। वह कहती हैं कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वह 300 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षण दे चुकी हैं।

80 रुपए से 10 लाख तक

पार्वती कहती हैं कि घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। करीब 15 साल पहले वह और उनके पति बीड़ी बनाकर अपना गुजारा करते थे। जिसमें दिन के 80 रुपए कमा पाते थे। ऐसे में परिवार का पालन करना मुश्किल था। इसी दौरान जूतियां बनाने की जानकारी मिली और मैंने यह काम सीखा। हालांकि शुरुआत में परिवार वालों ने विरोध किया, लेकिन परिस्थितिवश वे मान गए। मैंने यहां-वहां से करीब 10 हजार रुपए जुटाए और जूतियों का काम करना शुरू किया। अब सालाना 10 लाख रुपए की कमाई हो जाती है।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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