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Kisan Chachi : अपने काम से लोगों की आलोचना को सराहना में बदल दिया

जब मेरे पति अकेले खेती करते थे, तो अच्छी आमदनी नहीं हो पाती थी। तब मैंने अपने पति के साथ मिलकर खेती करने का जिम्मा उठाया। मैंने वर्ष 1990 में किसानी शुरू कर दी थी, उस वक्त महिलाएं घर से बाहर जाकर काम नहीं किया करती थीं। इस वजह से मैं सुबह 3 बजे ही खेत में चली जाती थी और सूरज निकलने से पहले घर आ जाती थी, ताकि कोई मजाक न बनाए। जो लोग पहले ताने देते थे, आज वही अपने परिवार की महिलाओं को मुझसे प्रेरणा लेने को कहते हैं।

सोच यह: जीवन में संघर्ष ही आपको मजबूत बनाते हैं।

सब्जियां उगाना शुरू किया जब मैंने खेती-किसानी शुरू की, तो मैंने देखा कि ज्यादातर लोग अनाज की खेती करते हैं, जिसमें ज्यादा आमदनी नहीं होती। मैंने सब्जियों की खेती करने का फैसला किया, जिसमें मेहनत ज्यादा, लेकिन आमदनी अच्छी थी। यदि महिलाएं खेती करना चाहती हैं तो उनको इसका प्रशिक्षण लेना चाहिए और खेती में प्रयोग भी करने चाहिए।

खुद खेती करने से अच्छे परिणाम

चाहे फसल काटना हो या खरपतवार हटाना इस तरह के काम महिलाएं ही करती हैं तो ऐसे में उनके लिए खेती करना कौनसी बड़ी बात है। जब घर की महिलाएं खेत में काम करेंगी तो अलग से खेतीहर मजदूर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। खेती ऐसा कार्य है, जिसमें कई लोगों की आवश्यकता पड़ती है। घर की महिलाओं के खेत में काम करने से ज्यादा बेहतर परिणाम मिलते हैं।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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