Health Alert: गर्भ निरोधक गोलियों से महिलाओं को हार्ट अटैक!
महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा हार्ट अटैक का जोखिम कहीं अधिक रहता है। पीजीआई चंडीगढ़ के अध्ययन में यह बात सामने आई है। महिलाओं में धूम्रपान और गर्भ निरोधक गोलियों के कारण यह खतरा और बढ़ जाता है। पीजीआई चंडीगढ़ के प्रोफेसर राजेश विजयवर्गीय के मुताबिक ये दोनों ही खून को अलग-अलग ढंग से प्रभावित करती हैं।
धूम्रपान रक्त वाहिकाओं को रोकता है और तेजी से थक्का बनने लगता है। सिगरेट में मौजूद निकोटिन रक्तचाप और हृदय गति को भी बढ़ाता है। गर्भ निरोधक गोलियां खून को गाढ़ा कर सकती हैं और रक्तचाप को बढ़ा सकती हैं। दोनों का सेवन स्ट्रोक और हृदय संबंधी समस्याओं को और बढ़ा सकता है। इसके अलावा कम उम्र में हृदय के खतरे नई चिंता है।
कार्डियोलॉजी विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. नीलम दहिया ने बताया कि तीन वर्ष के आंकड़ों के अध्ययन में सामने आया कि हृदय रोगों (सीवीडी) से पीड़ित 13-15 फीसदी महिलाएं 50 वर्ष से कम उम्र की थीं। इतना ही नहीं महिलाओं की मृत्युदर का जोखिम भी पुरुषों की तुलना में 50 फीसदी ज्यादा देखा गया। इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि महिलाएं हृदय रोग के संकेतों को अक्सर अनदेखा करती हैं। थकान जैसे लक्षण को दैनिक कार्यों में होने वाली थकान समझ लेती हैं।
लक्षण नजरअंदाज नहीं करें, डॉक्टर को दिखाएं
महिलाओं में कई बार लक्षण असामान्य हो सकते हैं, जिसके कारण कई बार इलाज में देरी हो जाती है। थकान, सांस लेने में तकलीफ, सीने में तकलीफ, हल्का सिरदर्द, मतली जैसे लक्षण हो सकते हैं। इसके अलावा पेट के ऊपरी हिस्से में तकलीफ, कंधों या जबड़े में दर्द और दोनों बाजुओं से होकर गुजरने वाले अहसास को अक्सर तनाव या अपच मानकर नजरअंदाज कर दिया जाता है।