Nari Shakti: 2 बच्चों की मां ने माउंट किलिमंजारो में फहराया तिरंगा, दिया ‘नो मोबाइल एडिक्शन’ का मैसेज
रायपुर. कहते हैं जहां चाह, वहां राह। यह बात न्यू शांति नगर की अदिति नथानी पर सटीक बैठती है। अदिति ने 10 नवंबर को माउंट किलिमंजारो की उहुरू चोटी (5895 मीटर) पर तिरंगा लहराया है। यह अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी है। खास बात यह कि अदिति ने ‘नो मोबाइल एडिक्शन’ का मैसेज लेकर यह चढ़ाई पूरी की। वे कहती हैं, कुछ क्षेत्र ऐसे होते हैं जहां मोबाइल का नेटवर्क काम नहीं करता। इन्हीं में से एक है पहाड़ों की चोटियां। इन दिनों बच्चों से लेकर बड़े तक मोबाइल की लत के शिकार हो रहे हैं। जरूरत से ज्यादा मोबाइल में एक्टिव रहना सही नहीं है। अदिति कंपनी सेक्रेटरी हैं और 12 साल तक कंपनी लॉ पढ़ाती रहीं, लेकिन अब उनका लक्ष्य नो मोबाइल एडिक्शन के संदेश के साथ दुनिया की सातों ऊंची चोटियों पर तिरंगा फहाराना है।
ऐसे हुई शुुरुआत
मैंने केदारनाथ की चढ़ाई की थी, तबसे मुझे पहाड़ों की चढ़ाई में रुचि जागी। फिर मैंने प्रॉपर ट्रेनिंग के साथ माउंटेंस की क्लाइंबिंग शुरू की। नेपाल के कुछ छोटे पहाड़ चढ़े। 2023 में मैंने एवरेस्ट बेस कैप की चढ़ाई की और तभी तय किया कि दुनिया की सभी ऊंची चोटी पर तिरंगा फहराना है।
पहली बार मिडनाइट क्लाइंबिंग
माउंट किलिमंजारो फतह की चुनौतियों पर अदिति बताती हैं, मैंने कभी मिडनाइट क्लाइंबिंग नहीं की थी। यहां हमने बेस कैप से रात 11 बजे चढ़ना शुरू किया। बहुत ज्यादा ठंड थी और हवा भी बहुत तेज चल रही थी। एक समय ऐसा भी आया जब लगा कि हो पाएगा या नहीं। लेकिन ठान लिया था कि चढ़ना ही है और मैं चढ़ती चली गई। सुबह सवा 8 बजे पहुंचने पर वहां का तापमान माइनस 22 डिग्री था।
गृहस्थी में रहते हुए भी कुछ किया जा सकता है
अदिति ने महिलाओं को दिए संदेश में कहा, शादी के बाद ज्यादातर हाउस वाइफ को लगता है कि वे घर-परिवार संभालने के लिए बनी हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। मेरे दो बच्चे हैं। इनकी परवरिश के साथ-साथ मैंने टीचिंग को टाइम दिया। पर्वतारोहण के अलावा मैं अपनी फ्रेंड सान्या अग्रवाल के साथ वुमन इंट्रस्ट ग्रुप लीड कर रही हूं। इसमें भी हम वुमन एपावरमेंट पर काम कर रहे हैं।